‘मास्टर ऑफ़ डेंटल सर्जरी (संक्षिप्त में M.D.S.)’ एक स्नातकोत्तर (पोस्ट-ग्रेजुएशन) कोर्स है जो डेंटिस्ट्री (दन्त चिकित्सा) विषय में किया जाता है। MDS कोर्स भारत के विभिन्न डेंटल कॉलेजों में कराया जाता है और इसकी अवधि 3 वर्ष की होती है। यह कोर्स दन्त-चिकित्सकों (Dentists) को दन्त-चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के साथ-साथ विशिष्टता प्रदान करता है। यहाँ पर इस लेख में आपको MDS कोर्स से सम्बंधित विभिन्न जानकारियां प्राप्त होंगी। अतः आइये जानते हैं कि MDS कोर्स क्या है ?
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MDS कोर्स क्या है
MDS कोर्स डेंटिस्ट्री (दन्त-चिकित्सा) के क्षेत्र में एक स्नातकोत्तर (पोस्ट-ग्रेजुएशन) कोर्स है, जो BDS (बैचलर ऑफ़ डेंटल सर्जरी) कोर्स के बाद किया जाता है। 5-वर्षीय BDS कोर्स के बाद होने वाले MDS कोर्स की अवधि 3 वर्ष की होती है। परन्तु यदि किसी दन्त चिकित्सक ने BDS कोर्स के बाद डेंटल सर्जरी का स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया हुआ है तो उनके लिए MDS कोर्स की अवधि मात्र 2 वर्ष की होती है।
MDS की फुल फॉर्म “मास्टर ऑफ़ डेंटल सर्जरी” होती है।
MDS कोर्स में एडमिशन की योग्यता क्या है
भारत के डेंटल संस्थानों से MDS करने के लिए अभ्यर्थियों के पास न्यूनतम निर्धारित अंकों सहित मान्यता प्राप्त डेंटल संस्थान से BDS की डिग्री होनी चाहिए।
MDS कोर्स में एडमिशन कैसे होता है
भारत में MDS कोर्स में एडमिशन के लिए अभ्यर्थियों को ‘National Board of Examinations in Medical Sciences’ द्वारा आयोजित की जाने वाली “NEET MDS प्रवेश परीक्षा” के लिए आवेदन करना होता है। NEET MDS प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी अपनी मेरिट और इच्छानुसार भारत के विभिन्न डेंटल कॉलेजों में से किसी एक डेंटल कॉलेज के MDS कोर्स में प्रवेश पा सकते हैं।
AIIMS, नई दिल्ली के MDS कोर्स में एडमिशन AIIMS द्वारा ही आयोजित की जाने वाली “INI CET (MDS) प्रवेश परीक्षा” के माध्यम से होता है।
MDS में उपलब्ध specializations (विशिष्टाएं)
MDS कोर्स में छात्र दन्त-चिकित्सा के क्षेत्र में मुख्यतः निम्नलिखित specializations में से कोई एक विशिष्टता प्राप्त कर सकते हैं:-
- Conservative Dentistry & Endodontics (रूढ़िवादी दंत चिकित्सा और एंडोडोंटिक्स);
- Prosthodontics (प्रोस्थोडोन्टिक्स);
- Orthodontics (विषमदंतविज्ञान);
- Oral & Maxillofacial Surgery (ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी)
- Pedodontics & Preventive Dentistry (पेडोडोंटिक्स और निवारक दंत चिकित्सा); आदि।
MDS कोर्स के लिए भारत के टॉप कॉलेज
भारत में MDS कोर्स के लिए कुछ श्रेष्ठ शिक्षण संस्थान निम्नलिखित हैं:-
- AIIMS, नई दिल्ली
- मौलाना आज़ाद इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंस, दिल्ली
- किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ
- इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस, B.H.U., वाराणसी
- पंडित भगवत दयाल शर्मा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस, रोहतक
- क्रिस्चियन डेंटल कॉलेज, लुधियाना
- गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एवं अस्पताल, मुंबई
MDS कोर्स की फीस क्या है
सभी मेडिकल कोर्सों की तरह ही MDS कोर्स की फीस भी विभिन्न कॉलेजों के लिए भिन्न-भिन्न होती है और MDS कोर्स की कुल फीस 10 हजार रूपये से लेकर 50 लाख रूपये तक भी हो सकती है। अतः किसी भी डेंटल कॉलेज में MDS कोर्स में एडमिशन लेने से पहले उसकी फीस अवश्य जांच लें।
MDS के बाद क्या करें
भारत में MDS कोर्स करने के बाद अभ्यर्थियों के पास निम्नलिखित विकल्प उपलब्ध हैं:-
- किसी सरकारी / प्राइवेट अस्पताल में डेंटिस्ट के रूप में नौकरी करना।
- अपना स्वयं का अस्पताल या क्लिनिक खोलना।
- दन्त चिकित्सा के क्षेत्र में Ph.D और शोध (रिसर्च) कार्य करना।
- किसी डेंटल शिक्षण संस्थान में शिक्षण कार्य करना; आदि।
निष्कर्ष
यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको MDS कोर्स से सम्बंधित विभिन्न जानकारियां प्राप्त हुई हैं। यदि आप भी दन्त चिकित्सा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं और एक डेंटिस्ट के रूप में कार्य करना चाहते हैं तो आप इस जानकारी का लाभ उठा कर अपने सपने पूरे कर सकते हैं।