यदि आप भी तहसीलदार बनना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि तहसीलदार (Tehsildar) कैसे बनें तो आपको यहाँ पर इस से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध होने वाली है। इस लेख में आपको तहसीलदार पद क्या होता है, तहसीलदार के क्या कार्य होते हैं, तहसीलदार कैसे बनें, तहसीलदार की सैलरी (Salary), पदोन्नति (Promotion) आदि से सम्बंधित सभी जानकारियां मिलेगी, अतः इस लेख को अंत तक पढ़ें।
Table of Contents
परिचय (Introduction)
तहसीलदार (Tehsildar) भारत के किसी भी राज्य के राजस्व विभाग के तहसील स्तर के प्रशासनिक और प्रभारी अधिकारी होते हैं। वे भू राजस्व (Land Revenue) के संबंध में एक तहसील से टैक्स (Tax) प्राप्त करने के प्रभारी होते हैं। तहसीलदार के पास संबंधित तहसील के कार्यकारी मजिस्ट्रेट के पद की भी ज़िम्मेदारी होती है। उनको भूमि राजस्व और टैक्स से सम्बंधित मुद्दों पर न्यायिक शक्ति भी दी जाती है।
भारत के अधिकतर राज्यों में तहसीलदार एक ग्रुप- A राजपत्रित अधिकारी पद होता है। किसी भी ज़िले या जनपद में तहसीलदार को राजस्व विभाग के डिप्टी कलेक्टर (Deputy Collector) भी कहा जाता है। तहसीलदार के अधीनस्थ अधिकारी कानूनगो या राजस्व टैक्स इंस्पेक्टर होते हैं। एक तहसील में पटवारी द्वारा किये गए कार्यों की रिपोर्ट कानूनगों के माध्यम से ही तहसीलदार या नायब तहसीलदार को सौंपी जाती है। तहसीलदार राजस्व विभाग के किसी भी मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट District Revenue Officer (जिला राजस्व अधिकारी) को सौंपते हैं। जिला राजस्व अधिकारी (DRO) किसी भी ज़िले में राजस्व विभाग के सर्वोच्च अधिकारी होते हैं। राज्यों के राजस्व विभाग से सम्बंधित मामलों पर DRO अपनी रिपोर्ट District Collector (डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर) या District Magistrate (डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट) को सौंपते हैं। डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर या डिस्ट्रिक्ट मेजिस्ट्रेट, भारत में सभी ज़िलों में सर्वोच्च प्रशासनिक पद होता है और यह IAS अधिकारी होते हैं।
अतः भारत के किसी भी राज्य में किसी भी ज़िले का सर्वोच्च प्रशासनिक पद डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर या डिस्ट्रिक्ट मेजिस्ट्रेट (IAS) का होता है और ज़िले में राज्य सरकार के राजस्व विभाग (भूमि राजस्व, भूमि टैक्स आदि) का सर्वोच्च पद District Revenue Officer (जिला राजस्व अधिकारी) का होता है। कोई भी ज़िला कुछ सब- डिविज़न में विभाजित होता है जिसका सर्वोच्च प्रशासनिक पद Sub- Divisional Magistrate (SDM) का होता है। किसी भी ज़िले की सब- डिविज़न से छोटी इकाई तहसील होती है जिसके प्रभारी और सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी तहसीलदार होते हैं और तहसील में तहसीलदार के अधीनस्थ अधिकारी कानूनगो और पटवारी होते हैं।
नियुक्ति प्रक्रिया
भारत के अधिकतर राज्यों में तहसीलदार की नियुक्ति सम्बंधित राज्य के लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली राज्य सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से की जाती है।
कुछ राज्यों में तहसीलदार या नायब तहसीलदार की नियुक्ति के लिए अलग से प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जा सकती है।
विभिन्न राज्यों के लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली राज्य सिविल सेवा परीक्षा निम्नलिखित है :-
(1). उत्तर प्रदेश में UPPCS परीक्षा ;
(2). राजस्थान में Rajasthan Administrative Services (RAS) Exam;
(3). मध्य प्रदेश में MPPCS परीक्षा;
(4). हरियाणा में HCS परीक्षा;
(5). बिहार में BAS परीक्षा;
(6). हिमाचल प्रदेश में HPAS परीक्षा; आदि।
उपरोक्त लिखित लगभग सभी प्रवेश परीक्षाएं तीन चरणों में होती है- प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam), मुख्य परीक्षा (Mains Exam) और साक्षात्कार (Interview).
इन राज्य सिविल सेवा परीक्षाओं का pattern (प्रारूप), syllabus (पाठ्यक्रम) आदि UPSC (केंद्रीय लोक सेवा आयोग) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के लगभग अनुरूप ही होता है। परन्तु राज्य सिविल सेवा परीक्षाओं का स्तर केंद्रीय सिविल सेवा परीक्षा से कुछ कम हो सकता है।
उपरोक्त परीक्षाओं के लिए आवेदन करने हेतू अभ्यर्थी भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट (स्नातक) होने चाहिए।
उपरोक्त परीक्षाओं के लिए आवेदन करने हेतू अभ्यर्थियों की आयु सीमा सम्बंधित राज्य में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने हेतू आयु सीमा के समकक्ष होती है।
तहसीलदार की Salary (वेतन)
भारत के अधिकतर राज्यों में तहसीलदार ग्रुप- A राजपत्रित (Group- A Gazetted) अधिकारी होते हैं।
एक नवनियुक्त तहसीलदार का Pay Scale (वेतनमान) सातवें वेतन आयोग के लेवल-10 (56,100- 1,77,500/- रु०) के आधार पर तय किया जाता है जिसके अनुसार तहसीलदार की शुरुआती Basic Pay 56,100/- रु० + भत्ते (Allowances) होती है।
कुछ राज्यों में शुरुआत में नायब तहसीलदार के पद पर भी नव- नियुक्ति दी जा सकती है और नायब तहसीलदार का Pay Scale (वेतनमान) सातवें वेतन आयोग के लेवल-9 (53,100- 1,67,800/- रु०) के आधार पर तय किया जाता है जिसके अनुसार तहसीलदार की शुरुआती Basic Pay 53,100/- रु० + भत्ते (Allowances) होती है।
पदोन्नति (Promotion)
नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्त होने वाले अभ्यर्थियों को पदोन्नति के उपरांत तहसीलदार का पद मिलता है।
तहसीलदार के पद पर नियुक्ति पाने वाले अभ्यर्थियों को सम्बंधित राज्य के पदोन्नति नियमों के अनुसार पदोन्नति के उपरांत Sub- Divisional Magistrate (SDM) या District Revenue Officer (DRO) के पद पर पदोन्नति मिल सकती है।
यह भी पढ़ें: CDS Exam क्या है ? (Army, Navy, Air Force में Officer बनें)
तहसीलदार के कार्य, उत्तरदायित्व और कर्तव्य
- भूमि राजस्व, टैक्स, किसान भूमि आदि से सम्बंधित विवादों का निपटारा।
- सम्बंधित पटवारियों द्वारा किए गए कार्यों की देखरेख।
- सुनिश्चित करना कि किसानों को उनकी भूमि से सम्बंधित रिकॉर्ड समयानुसार प्राप्त हो सकें।
- यह सुनिश्चित करना की भूमि राजस्व नियमानुसार और सही समय पर जमा हो रहा है।
- छात्रों के जाति प्रमाण पत्र जारी करना; आदि।
निष्कर्ष (Conclusion)
हम आशा करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आपको तहसीलदार (Tehsildar) की नियुक्ति, कार्य, वेतन, पदोन्नति आदि से सम्बंधित सभी जानकारी प्राप्त हुई होगी।
अतः तहसीलदार बनने की इच्छा रखने वाले अभ्यर्थी उपरोक्त लिखित परीक्षाओं के माध्यम से सम्बंधित राज्य में तहसीलदार (Tehsildar) के पद पर नियुक्त हो सकते हैं।