patwari kaise bane

परिचय

पटवारी (Patwari) या लेखपाल (Lekhpal) भारत में राज्य सरकारों के अधीन राजस्व विभाग के ग्राम स्तर के अधिकारी होते हैं। यह एक प्रशासनिक पद है और पटवारी अपने क्षेत्र के भूमि सम्बन्धी विवादों का निपटारा करते हैं। यह अपने क्षेत्र के अधीन आने वाली भूमि का सीमांकन, वरासत, म्यूटेशन, निवास आदि अनेकों कार्य करते हैं और अपनी रिपोर्ट सम्बंधित तहसीलदार को भेजते हैं। यदि सम्बंधित तहसीलदार चाहे तो पटवारी अपने क्षेत्र के निरीक्षण का कार्य भी कर सकते हैं। अतः एक तरीके से कहें तो पटवारी ग्रामीण क्षेत्रों का एक प्रशासनिक पद होता है। भारत में समय- समय पर कई राज्यों में पटवारी की हजारों vacancies (रिक्तियां) विज्ञापित होती रहती हैं। यहाँ पर हम पटवारी पद पर नियुक्ति से सम्बंधित सभी बातें जानेंगे। आइये जानते हैं कि पटवारी (Patwari) कैसे बनें

पटवारी पद पर आवेदन करने की योग्यता

शैक्षिक योग्यता :-

  • पटवारी की नियुक्ति प्रत्येक राज्य सरकार अपने अनुसार भिन्न- भिन्न तरीके से कर सकती है।
  • अधिकतर राज्य सरकारें इस पद के लिए शैक्षिक योग्यता ग्रेजुएशन (स्नातक) डिग्री रखती हैं।
  • कुछ राज्यों में ग्रेजुएशन के साथ कंप्यूटर सर्टिफिकेट/ डिप्लोमा कोर्स को भी योग्यता में जोड़ा जाता है।

आयु सीमा :-

  • पटवारी पद के लिए आवेदन करने हेतू आवेदकों की आयु सीमा सम्बंधित राज्य सरकार में सरकारी नौकरी पाने के नियमों के मानकों के अनुसार तय की जाती है।
  • आरक्षित वर्गों को आयु सीमा में नियमानुसार छूट दी जाती है।

नियुक्ति प्रक्रिया

  • विभिन्न राज्य पटवारी या लेखपाल पद पर नियुक्त करने हेतू अलग- अलग नियुक्ति प्रक्रिया अपनाते हैं।
  • परन्तु अधिकतर राज्यों में इस पद पर नियुक्ति के लिए एक प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जाती है।
  • उक्त प्रतियोगी परीक्षा में सामान्य ज्ञान एवं करंट अफेयर्स, गणित, अंग्रेजी/ हिंदी, रीज़निंग आदि विषयों पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
  • सम्बंधित प्रतियोगी परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर बनायी गयी मेरिट सूची के आधार पर आवेदकों का पटवारी के पद पर अंतिम चयन किया जाता है।
  • कोई राज्य सरकार चाहे तो इस पद पर नियुक्ति के लिए लिखित प्रतियोगी परीक्षा के बाद साक्षात्कार (इंटरव्यू) भी आयोजित करा सकते हैं।
  • अतः इस पद पर आवेदन करने से पूर्व अभ्यर्थी सम्बंधित राज्य के अनुसार अपनी योग्यता और चयन प्रक्रिया पूर्ण रूप से जाँच लें।

पटवारी के मुख्य कर्तव्य और उत्तरदायित्व

  • भूमि का सीमांकन;
  • भूमि की वरासत;
  • हैसियत प्रमाण पत्र जारी करना;
  • भूमि विवाद का निपटारा;
  • भूमि का म्यूटेशन;
  • निवास प्रमाण पत्र;
  • भूमि निरीक्षण; आदि।

पदोन्नति

  • राजस्व विभाग में पटवारी के पद पर नियुक्त होने वाले अभ्यर्थियों को सम्बंधित राज्य के पदोन्नति चैनल के अनुसार पदोन्नति के माध्यम से नायब तहसीलदार या तहसीलदार पद तक जाने का मौका रहता है।
  • अधिकतर राज्यों में पटवारी के बाद कानूनगो पद और उसके बाद नायब तहसीलदार और अंत में तहसीलदार पद पर पदोन्नति होने की संभावना होती है।

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ग्राम विकास अधिकारी कैसे बनें ?

अधिकतर पूछे गए प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: पटवारी क्या होता है ?
उत्तर 1: पटवारी किसी भी राज्य सरकार के राजस्व विभाग के ग्रामीण क्षेत्रों का एक प्रशासनिक पद होता है।

प्रश्न 2: पटवारी के क्या कार्य होते हैं ?
उत्तर 2: पटवारी अपने पदस्थापन के क्षेत्र में भूमि विवाद का निपटारा, भूमि का सीमांकन, वरासत, म्यूटेशन, निरीक्षण आदि करता है।

प्रश्न 3: पटवारी के पद पर नियुक्ति कैसे होती है ?
उत्तर 3: अधिकतर राज्य ग्रेजुएट (स्नातक) अभ्यर्थियों के लिए पटवारी के पद पर विज्ञप्ति निकालते हैं। इस पद पर अधिकतर राज्य सामान्य ज्ञान एवं करंट अफेयर्स, गणित, अंग्रेजी/ हिंदी, रीज़निंग आदि विषयों की एक प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति करते हैं।

प्रश्न 4: पटवारी को और किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर 4: भारत के विभिन्न राज्यों में पटवारी को लेखपाल, कारनाम अधिकारी आदि नामों से भी जाना जाता है।

प्रश्न 5: पटवारी पद पर नियुक्त होने वाले अभ्यर्थी promotion (पदोन्नति) के उपरांत क्या बन सकते हैं ?
उत्तर 5: इस पद पर नियुक्त होने वाले अभ्यर्थी कानूनगो, नायब तहसीलदार, तहसीलदार आदि पदों पर क्रमवार promotion या पदोन्नति पा सकते हैं।

प्रश्न 6: पटवारी की सैलरी (Salary) कितनी होती है ?
उत्तर 6: अधिकतर राज्यों में सातवें वेतन आयोग के वेतनमान (Pay Scale) के मैट्रिक्स लेवल 5 के अनुसार पटवारी की सैलरी (Salary) तय की जाती है।

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