ऐसा कहा जाता है कि असली भारत गाँवों में बसता है और किसी भी देश की प्रगति के लिए गाँव की उन्नति होनी अति आवश्यक है। भारत के अधिकांश राज्यों में गाँव के विकास और उन्नति की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी ‘ग्राम विकास अधिकारी’ या ‘Village Development Officer (VDO)’ की होती है। अतः भारत में सरकारी नौकरी पाने की इच्छा रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए ग्राम विकास अधिकारी बनकर ग्रामीण भारत की उन्नति के माध्यम से देश सेवा का एक महत्वपूर्ण विकल्प मौजूद है। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि ग्राम विकास अधिकारी कैसे बनें तो इस लेख में आपको इस से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।
इस लेख में हम उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश राज्य में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया, ग्राम विकास अधिकारी द्वारा किये जाने वाले कार्य, उनका वेतन आदि के बारे में जानेंगे। उत्तर प्रदेश में उपरोक्त पद पर नियुक्ति हेतू उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, लखनऊ द्वारा “सम्मिलित ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं समाज कल्याण पर्यवेक्षक (सामान्य चयन) प्रतियोगितात्मक परीक्षा” आयोजित की जाती है। इस परीक्षा के माध्यम से ग्राम विकास अधिकारी ही नहीं अपितु ग्राम पंचायत अधिकारी की भी नियुक्ति की जाती है। अतः आइये जानते हैं कि ग्राम विकास अधिकारी कैसे बनें और ग्राम पंचायत अधिकारी कैसे बनें।
Table of Contents
ग्राम विकास अधिकारी/ ग्राम पंचायत अधिकारी के मुख्य कर्त्तव्य/ कार्य
- गाँव की स्वच्छता।
- कृषि क्षेत्र में विकास कार्य कराना।
- ग्रामीण उद्योगों में विकास कार्य कराना।
- गाँव की स्वच्छता योजनाओं को लागू कराना।
- ग्राम पंचायत से सम्बंधित वित्तीय रिकॉर्ड का रखरखाव।
- बाल कल्याण एवं महिला उत्थान।
- ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि आदि से सम्बंधित सुविधाएं प्रदान कराना।
- जल आपूर्ति के स्रोत को विनियमित कराना।
- स्वच्छ भारत, पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि, बेटी बचाओ, बेटी पढाओ योजना, राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान आदि नीतियों को लागू करना।
- गाँव के लोगों के विवादों का निपटारा; आदि।
अगर आप असली भारत को देखना चाहते हैं तो गांवों में जाएँ, क्योंकि असली भारत गांवों में बसता है।
महात्मा गाँधी
नियुक्ति प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश में ग्राम विकास अधिकारी या ग्राम पंचायत अधिकारी नियुक्त होने के लिए अभ्यर्थियों को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, लखनऊ द्वारा आयोजित की जाने वाली “सम्मिलित ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं समाज कल्याण पर्यवेक्षक (सामान्य चयन) प्रतियोगितात्मक परीक्षा” के लिए आवेदन करना होता है।
भारत के अन्य राज्यों में भी ग्राम विकास अधिकारी के पद पर नियुक्ति हेतू अधिकतर प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से ही नियुक्ति की जाती है।
भारत के अन्य राज्यों में ग्राम विकास अधिकारी को ग्राम सचिव या Village Development Officer (VDO) या Panchayat Secretary या Panchayat Officer आदि नामों से भी जाना जाता है।
उपरोक्त पद पर नियुक्ति हेतू आयु सीमा विभिन्न राज्यों में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की आयु सीमा के अनुसार तय की जाती है।
शैक्षिक योग्यता :-
उत्तर प्रदेश राज्य में उपरोक्त परीक्षा के लिए आवेदन करने हेतू अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड या भारत के अन्य किसी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से 12वीं कक्षा में उत्तीर्ण होने चाहिए। इसके साथ ही अभ्यर्थी को भारत के किसी भी NIELIT (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) सेंटर से कंप्यूटर का CCC (कोर्स ऑन कंप्यूटर कॉन्सेप्ट्स) सर्टिफिकेट धारक भी होना चाहिए।
भारत के अधिकतर अन्य राज्यों में भी उपरोक्त पद पर नियुक्ति हेतू अभ्यर्थी भारत के किसी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से 12वीं कक्षा में उत्तीर्ण होने चाहिए। इसके अलावा किसी कंप्यूटर कोर्स/ सर्टिफिकेट की अनिवार्यता भी तय की जा सकती है।
चयन का आधार :-
उक्त पदों पर नियुक्ति हेतू अभ्यर्थियों को मात्र एक लिखित प्रतियोगी परीक्षा देनी होती है।
उत्तर प्रदेश की उपरोक्त लिखित परीक्षा का पैटर्न इस प्रकार होता है :
विषय | प्रश्नों की संख्या | अंक |
हिंदी परिज्ञान एवं लेखन | 50 | 100 |
सामान्य बुद्धि परीक्षण | 50 | 100 |
सामान्य जानकारी | 50 | 100 |
कुल | 150 | 300 |
उक्त परीक्षा कुल 2 घंटे की होती है।
इस परीक्षा में बहुवैकल्पिक प्रश्न पूछे जाते हैं।
उक्त परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होती है अर्थात गलत उत्तर देने पर अंक काटे जाते हैं।
अन्य राज्यों की परीक्षाओं में अन्य विषयों जैसे कि अंग्रज़ी भाषा, गणित, रीज़निंग आदि पर भी प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
अंतिम चयन एवं नियुक्ति
चूँकि ग्राम विकास अधिकारी या ग्राम सचिव या ग्राम पंचायत अधिकारी का पद एक ग्रुप- C पद है, अतः इस पद के लिए अंतिम चयन/ नियुक्ति मात्र लिखित परीक्षा में प्राप्तांकों के आधार पर किया जाता है और इसके लिए कोई साक्षात्कार (इंटरव्यू) नहीं आयोजित किया जाता है।
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ग्राम विकास अधिकारी की सैलरी (Salary)
उत्तर प्रदेश के 7th Pay Commission के वेतनमान के अनुसार ग्राम विकास अधिकारी या ग्राम पंचायत अधिकारी का Pay Scale लेवल-3 में होता है अर्थात शुरुआती वेतन 21,700 रु० (बेसिक वेतन) + अन्य भत्ते होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
हम आशा करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आपको ग्राम विकास अधिकारी या ग्राम पंचायत अधिकारी या ग्राम सचिव आदि पदों की नियुक्ति प्रक्रिया, कर्त्तव्य, वेतन आदि के बारे में उचित जानकारी प्राप्त हुई होगी।
अतः 12th pass अभ्यर्थी उपरोक्त लिखित चयन प्रक्रिया के आधार पर भारत के किसी भी राज्य में ग्राम विकास अधिकारी नियुक्त हो कर सरकारी नौकरी पाने का अपना सपना साकार कर सकते हैं और गांवों की उन्नति और विकास के माध्यम से देश की सेवा कर सकते हैं।