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Introduction (परिचय)
Ph.D या Doctorate in Philosophy (डॉक्टरेट इन फिलॉसॉफी) एक उच्च स्तरीय शोध (research) कोर्स है। Ph.D मूलतः शैक्षिक योग्यता का उच्चतम स्तर होता है। भारत में Ph.D कोर्स में प्रवेश पाने के लिए मुख्यतः योग्यता Postgraduate (स्नातकोत्तर) डिग्री में कुछ न्यूनतम अंकों सहित उत्तीर्ण होना है। परन्तु IIT (Indian Institute of Technology), NIT (National Institute of Technology) और IIIT (Indian Institute of Information Technology) आदि में इंजीनियरिंग विषयों में Ph.D में प्रवेश सीधे graduation या स्नातक डिग्री कोर्स के बाद भी पाए जाने का प्रावधान है। Ph.D डिग्री के दौरान फ़ेलोशिप या स्कॉलरशिप पाने के लिए Science, Commerce या Arts या भाषा विषयों के लिए अभ्यर्थियों को सम्बंधित विषय में National Testing Agency (NTA) द्वारा आयोजित की जाने वाली National Eligibility Test (NET) परीक्षा के JRF (Junior Research Fellow) के लिए उत्तीर्ण होना होता है। इंजीनियरिंग या साइंस विषयों में Ph.D में स्कॉलरशिप या stipend पाने के लिए अभ्यर्थियों के पास GATE (ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) परीक्षा उत्तीर्ण करना भी एक विकल्प है।
Ph.D कोर्स में प्रवेश पाने के लिए क्या करें
UGC (University Grants Commission) के नए नियमों के अनुसार भारत में Ph.D कोर्स में प्रवेश देने के लिए अब सभी Universities (विश्वविद्यालयों) को सम्बंधित विषय और जनरल एबिलिटी विषय पर एक प्रवेश परीक्षा लेनी होगी या साक्षात्कार लेना होगा या दोनों आयोजित करने होंगे। किसी विश्वविद्यालय में Ph.D में प्रवेश पाने के समय अभ्यर्थी के पास उस विश्वविद्यालय से ही एक गाइड या supervisor होना भी आवश्यक है।
Ph.D कोर्स कैसे करें
स्नातक (Graduation) या स्नातकोत्तर (Post- Graduation) कोर्स से भिन्न Ph.D कोर्स पूर्णतया एक शोध (research) कार्य कोर्स है। Ph.D कोर्स के शुरुआत में शोधकर्ताओं (researchers) को शोध प्रस्ताव की प्रस्तुतियाँ या किये जाने वाले काम की योजना प्रस्तुत करनी होती है। इन प्रस्तुतियों को Synopsis कहा जाता है। उसके बाद शोध कार्य के दौरान बीच- बीच में अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। शोध कार्य के दौरान शोधकर्ताओं को Research Journals (शोध पत्रिकाओं) में कुछ Research Papers (शोध पत्र) प्रकाशित करवाने भी अनिवार्य होते हैं जो विभिन्न राष्ट्रिय या अंतर्राष्ट्रीय conferences (सम्मेलनों) में अपना शोध कार्य प्रस्तुत करने के बाद होते हैं। शोध कार्य समाप्त करने के बाद शोधकर्ताओं को अपने किये गए शोध कार्य पर एक thesis लिखनी होती है जिसको अंत में यूनिवर्सिटी की सम्बंधित committee के समक्ष एक मौखिक परीक्षा में प्रस्तुत करनी होती है। सम्बंधित थीसिस (thesis) मंज़ूर होने के बाद शोधकर्ताओं को Ph.D या Doctorate in Philosophy की डिग्री प्रदान की जाती है। Ph.D डिग्री धारक अपने नाम के आगे डॉक्टर या डॉ. लगाने के योग्य होते हैं।
Ph.D कोर्स की अवधि
Ph.D कोर्स की कुल न्यूनतम अवधि लगभग 3 वर्ष और अधिकतम अवधि 6-7 वर्ष की होती है।
Ph.D कोर्स के विषय
Ph.D कोर्स लगभग सभी विषयों में किया जा सकता है। परन्तु अभ्यर्थी सिर्फ़ उसी विषय में Ph.D कर सकते हैं जिस विषय में उन्होंने स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की हो। Ph.D डिग्री कोर्स देश या विदेश के अधिकतर विश्वविद्यालयों से किया जा सकता है।
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भारत में Ph.D के प्रमुख संस्थान
भारत में Ph.D करने की इच्छा रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए विषय- वार मुख्य संस्थान निम्नलिखित हैं :-
इंजीनियरिंग :-
1. IISc (Indian Institute of Science), बैंगलोर।
2. IITs (Indian Institute of Technology)- भारत में 20 से अधिक IIT हैं।
मेडिकल साइंस :-
1. AIIMS (All India Institute of Medical Science)- भारत में 15 से अधिक AIIMS हैं।
विज्ञान (Science) :-
1. IISc (Indian Institute of Science), बैंगलोर।
2. IITs (Indian Institute of Technology).
3. IISER (Indian Institute of Science Education and Research).
4. TIFR (Tata Institute of Fundamental Research), मुंबई।
5. IIST (Indian Institute of Space Science & Technology), त्रिवेंद्रम (केरल).
कृषि (Agriculture) :-
1. IARI (Indian Agricultural Research Institute), नई दिल्ली।
Veterinary Science (पशु विज्ञान) :-
1. Indian Veterinary Research Institute, बरेली।
सामाजिक विज्ञान (Social Sciences) :-
1. TISS (Tata Institute of Social Sciences), मुंबई।
पत्रकारिता (Journalism) :-
1. Indian Institute of Mass Communication (IIMC), नई दिल्ली; आदि।
Ph.D के दौरान स्कॉलरशिप या फ़ेलोशिप
NET परीक्षा के माध्यम से JRF उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को Ph.D के शोध (रिसर्च) कार्य के दौरान प्रथम 2 वर्षों के लिए 31000/- रूपये प्रति माह और 2 वर्ष के बाद 35000/- रूपये प्रति माह स्कॉलरशिप या फ़ेलोशिप मिलने का प्रावधान है। GATE परीक्षा के माध्यम से Ph.D में प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थियों को भी कोर्स के दौरान प्रति माह कुछ stipend या स्कॉलरशिप मिलने का प्रावधान हो सकता है।
Ph.D करने के फायदे
Ph.D कोर्स एक लम्बा और धैर्यपूर्ण शोध कार्य है। अतः Ph.D में प्रवेश पाने से पहले आपको जाँच लेना चाहिए कि आप Ph.D क्यों करना चाहते हैं। Ph.D कोर्स मुख्यतः वह अभ्यर्थी करते हैं जिन्हें शोध कार्य में दिलचस्पी होती है या जिनको विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर पद से एसोसिएट प्रोफेसर या प्रोफेसर पद पर पदोन्नति पानी होती है। भारत में 1 जुलाई, 2021 से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर (असिस्टेंट प्रोफेसर) के पद पर नियुक्ति के लिए भी न्यूनतम आवश्यक शैक्षिक योग्यता Ph.D किये जाने का प्रावधान है। अतः 1 जुलाई, 2021 के बाद यदि आप किसी कॉलेज या विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर बनने के लिए आवेदन करते हैं तो आपको Ph.D डिग्री धारक होना अनिवार्य है। Ph.D कोर्स कई विभागों में Scientist (वैज्ञानिक) के पद पर नियुक्ति और पदोन्नति के लिए भी योग्यता प्रदान करता है।