Bharat ki Vishwa Dharohar Sthal

संयुक्त राष्ट्र संघ में UNESCO एक ऐसी एजेंसी है जो सांस्कृतिक या प्राकृतिक विरासत के आधार पर विश्व भर के कुछ महत्वपूर्ण स्थानों या स्थलों को विश्व धरोहर या वैश्विक धरोहर या वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स (World Heritage Sites) घोषित करता है और उनको सूचीबद्ध करता है। UNESCO ने वैश्विक धरोहरों की ऐसी घोषणा और सूची तैयार करने की प्रक्रिया वर्ष 1972 में की थी। UNESCO ने 1983 से लेकर 2019 तक भारत के ऐसे 38 स्थलों को विश्व धरोहर के रूप में सूचीबद्ध किया है जो किसी ना किसी रूप में भारतीय सांस्कृतिक या प्राकृतिक परंपरा से जुड़े हुए है। यहाँ पर इस लेख में हम आपको भारत के सभी 38 विश्व धरोहर स्थलों (World Heritage Sites) की सूची और उनका संक्षिप्त विवरण प्रदान करेंगे। अतः आइये जानते हैं भारत के विश्व धरोहर स्थल कौन से हैं और उनके बारे में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं।

Table of Contents

भारत के विश्व धरोहर स्थलों की सूची (List of World Heritage Sites of India)

भारत के सभी विश्व धरोहर स्थल और उनके विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषणा का वर्ष निम्नलिखित हैं:-

विश्व धरोहर स्थल का नामराज्य / केंद्र शासित प्रदेशविश्व धरोहर घोषित किये जाने का वर्ष
अजंता की गुफाएंमहाराष्ट्र1983
एलोरा की गुफाएंमहाराष्ट्र1983
आगरा का किलाउत्तर प्रदेश1983
ताज महलउत्तर प्रदेश1983
सूर्य मंदिर, कोणार्कओड़िशा1984
महाबलीपुरम में स्मारकों का समूहतमिल नाडु1984
काजीरंगा नेशनल पार्कअसम1985
मानस वन्यजीव अभयारण्यअसम1985
केवलादेव नेशनल पार्कराजस्थान1985
गोवा के चर्च और कॉन्वेंटगोवा1986
खजुराहो स्मारकों का समूहमध्य प्रदेश1986
हम्पि के स्मारकों का समूहकर्णाटक1986
फतेहपुर सिकरीउत्तर प्रदेश1986
पट्टाडकल के स्मारकों का समूहकर्णाटक1987
एलीफेंटा की गुफाएंमहाराष्ट्र1987
महान जीवित चोल मंदिरतमिल नाडु1987
सुंदरबन नेशनल पार्कपश्चिम बंगाल1987
नंदा देवी नेशनल पार्क और फूलों की घाटी नेशनल पार्कउत्तराखंड1988, 2005
सांची में बौद्ध स्मारकमध्य प्रदेश1989
हुमायूं का मकबरादिल्ली1993
कुतुब मीनार और उसके स्मारकदिल्ली1993
भारत की पर्वतीय रेलवेपश्चिम बंगाल, तमिल नाडु, हिमाचल प्रदेश1999, 2005, 2008
बोधगया का महाबोधि मंदिर परिसरबिहार2002
भीमबेटका के रॉक शेल्टरमध्य प्रदेश2003
छत्रपति शिवाजी टर्मिनसमहाराष्ट्र2004
चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यानगुजरात2004
लाल किला परिसरदिल्ली2007
जयपुर का जंतर- मंतरराजस्थान2010
पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखलामहाराष्ट्र, कर्णाटक, केरल, तमिल नाडु2012
राजस्थान के पहाड़ी किलेराजस्थान2013
रानी की बावड़ी, पाटनगुजरात2014
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्कहिमाचल प्रदेश2014
नालंदा महाविहार का पुरातत्व स्थलबिहार2016
कंचनजंगा बायोस्फीयर रिजर्व और नेशनल पार्कसिक्किम2016
ले कॉर्बूसियर का आर्किटेक्चरल कार्यचंडीगढ़2016
अहमदाबाद का ऐतिहासिक शहरगुजरात2017
मुंबई का विक्टोरियन और आर्ट डेको एनसेंबलमहाराष्ट्र2018
जयपुरराजस्थान2019

अब हम आपको भारत के उपरोक्त सभी विश्व धरोहरों के बारे में एक-एक करके संक्षिप्त विवरण और जानकारी देंगे।

अजंता की गुफाएं

अजंता की गुफाएं वर्ष 1983 में UNESCO द्वारा वैश्विक धरोहरों की सूची में जोड़ी गयी थी। अजंता की गुफाओं को बौद्ध धर्म से जोड़ कर देखा जाता है और भारतीय इतिहास के अनुसार अजंता की गुफाओं का निर्माण सम्राट अशोक के शासनकाल और गुप्त काल में मिलकर किया गया था। अजंता की गुफाओं में कई रॉक-कट गुफा स्मारक हैं जो बौद्ध धर्म की धार्मिक कला और मूर्तिकला का अद्वितीय उदाहरण पेश करते हैं।

एलोरा की गुफाएं

एलोरा की गुफाओं को UNESCO ने 1983 में विश्व धरोहरों की सूची में जोड़ा था। एलोरा की गुफाएं, बौद्ध, हिंदू और जैन धर्म की धार्मिक कलाओं का एक सांस्कृतिक मिश्रण है। एलोरा की गुफाओं में 2 किलोमीटर की लंबाई तक बेसाल्ट चट्टान की दीवारों में तराशे गए मठों और मंदिरों को देखा जाता है। भारतीय इतिहासकारों के अनुसार एलोरा की गुफाओं का निर्माण 600 ईस्वी से लेकर 1000 ईस्वी के बीच हुआ था।

आगरा का किला

आगरा का किला या आगरा का लालकिला भी भारत के उन 4 प्रथम विश्व धरोहरों में से है जिनको UNESCO ने 1983 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़ा था। आगरा का किला उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे निर्मित एक भव्य किला है जो भारत में मुग़ल काल की कला और संस्कृति की याद दिलाता है। आगरा का किला लाल बलुआ पत्थर से निर्मित किला है, जिस कारण से इसको लाल किला नाम से भी जाना जाता है। परन्तु दिल्ली में भी एक लाल किला होने के कारण इसको आगरा का लाल किला कहा जाता है।

ताज महल

ताज महल भी विश्व धरोहर स्थलों की सूची में वर्ष 1983 में जोड़ा गया था। ताज महल की गिनती विश्व के सात अजूबों में भी की जाती है। ताज महल उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे स्थित है और इसका निर्माण मुग़ल शासक शाहजहाँ ने कराया था।

सूर्य मंदिर, कोणार्क

भारत के ओड़िशा राज्य के पुरी जिले में स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में 1984 में जोड़ा गया था। कोणार्क सूर्य मंदिर बंगाल की खाड़ी के पूर्वी तट पर महानदी डेल्टा में स्थित है।

महाबलीपुरम स्मारकों का समूह

महाबलीपुरम स्मारकों के समूह को भी 1984 में ही UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़ा गया था। यह भारत के राज्य तमिल नाडु की राजधानी चेन्नई से लगभग 58 किमी की दूरी पर स्थित है। और महाबलीपुरम में स्मारकों के समूह को पल्लव राजाओं ने 7वीं और 8वीं शताब्दी में बनवाया था।

काजीरंगा नेशनल पार्क

काज़ीरंगा नेशनल पार्क भारत के असम राज्य में स्थित है और इसको 1985 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़ा गया था। काज़ीरंगा नेशनल पार्क असम में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट के बाढ़ के मैदानों में स्थित है और इसको अपने अद्भुत प्राकृतिक वातावरण के कारण विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया था।

काज़ीरंगा नेशनल पार्क भारत के असम राज्य में स्थित है और इसको 1985 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़ा गया था। काज़ीरंगा नेशनल पार्क असम में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट के बाढ़ के मैदानों में स्थित है और इसको अपने अद्भुत प्राकृतिक वातावरण के कारण विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया था। काज़ीरंगा नेशनल पार्क भारतीय एक सींग वाले गैंडे की मौजूदगी के लिए भी जाना जाता है।

मानस वन्यजीव अभयारण्य

मानस वन्यजीव अभयारण्य को 1985 में विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त हुआ था। यह असम राज्य में स्थित है, जो हिमालय की तलहटी में मानस नदी के मैदानी इलाकों में लगभग 120,000 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और भूटान के मानस वन्यजीव अभयारण्य से सटा हुआ है। मानस वन्यजीव अभयारण्य को अपने अद्भुत और अद्वितीय प्राकृतिक वातावरण के कारण विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया था।

केवलादेव नेशनल पार्क

केवलादेव नेशनल पार्क को भी 1985 में UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में अंकित किया गया था। केवलादेव नेशनल पार्क भारत के राजस्थान राज्य के भरतपुर जिले में स्थित है और 6880 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है।

गोवा के चर्च और कॉन्वेंट

गोवा के चर्च और कॉन्वेंटों को 1986 में UNESCO की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़ा गया था। गोवा के विभिन्न चर्च और कॉन्वेंट 16वीं और 18वीं शताब्दी के बीच विभिन्न पुर्तगाली शासकों द्वारा बनवाये गए थे।

खजुराहो स्मारकों का समूह

खजुराहो स्मारकों के समूह को 1986 में विश्व धरोहरों की सूची में अंकित किया गया था। खजुराहो के स्मारक मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के खजुराहो शहर में स्थित हैं। खजुराहो के स्मारक चंदेल वंश के समय की कला और संस्कृति की याद दिलाते हैं।

हम्पि के स्मारकों का समूह

हम्पी के स्मारकों के समूह को 1986 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था। हम्पी के स्मारक कर्नाटक राज्य में स्थित हैं और हम्पी, तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित एक शहर है। यदि आज की बात की जाए तो हम्पी के बहुत से स्मारक खंडहरों में तब्दील हो चुके हैं परन्तु वहां पर आज भी मौजूद कई द्रविड़ मंदिर और महल विजयनगर के शक्तिशाली साम्राज्य की याद दिलाते हैं। हम्पी एक महत्वपूर्ण हिंदू और जैन धार्मिक केंद्र के रूप में जाना जाता है।

फतेहपुर सिकरी

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी शहर को UNESCO द्वारा 1986 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था। फतेहपुर सीकरी का निर्माण मुग़ल शासक अकबर ने कराया था। यह 16वीं शताब्दी में कई वर्षों तक मुग़ल साम्राज्य की राजधानी रही, जहाँ पर सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान राजदरबार भी लगाया जाता था। फतेहपुर सीकरी में आज भी मुग़ल कला और संस्कृति के कई अवशेष और संरचनाएं देखी जा सकती हैं।

पट्टाडकल के स्मारकों का समूह

पट्टाडकल के स्मारकों के समूह को 1987 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में रखा गया था। पट्टाडकल के स्मारक कर्नाटक राज्य के उत्तरी भाग में स्थित हैं और इनमें 9 हिन्दू मंदिर और एक जैन अभयारण्य मौजूद हैं। इन असाधारण मंदिरों का निर्माण चालुक्य साम्राज्य के समय किया गया था।

एलीफेंटा की गुफाएं

एलिफेंटा की गुफाएं, जो कि मुंबई में स्थित हैं, को 1987 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था। एलीफेंटा की गुफाएं मुंबई शहर के पूर्व में अरब सागर में एलिफेंटा द्वीप पर स्थित हैं। अरब सागर की एक भुजा पर स्थित इस द्वीप में गुफाओं के दो समूह हैं – पांच हिंदू गुफाओं का पहला बड़ा समूह और दो बौद्ध गुफाओं का दूसरा छोटा समूह।

महान जीवित चोल मंदिर

महान जीवित चोल मंदिर को 1987 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था। यह भारत के दक्षिण में तमिल नाडु राज्य में स्थित हैं, जिनका निर्माण चोल साम्राज्य के राजा ने किया था।

सुंदरबन नेशनल पार्क

सुंदरबन नेशनल पार्क को 1987 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था। सुंदरबन नेशनल पार्क एक नेशनल पार्क (राष्ट्रीय उद्यान) होने के साथ-साथ बाघ अभयारण्य, बायोस्फीयर रिजर्व और दुनिया का सबसे बड़ा मुहाना मैंग्रोव वन भी है। यह पश्चिम बंगाल राज्य में बंगाल की खाड़ी की सीमा से लगे सुंदरबन गंगा नदी डेल्टा में स्थित है। सुंदरबन डेल्टा का कुछ भाग बांग्लादेश में और कुछ भारत में है।

नंदा देवी नेशनल पार्क और फूलों की घाटी नेशनल पार्क

नंदा देवी नेशनल पार्क और फूलों की घाटी नेशनल पार्क भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित हैं।

सांची बौद्ध स्मारक

साँची बौद्ध स्मारकों को 1989 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था। यह भारत के मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल से 45 किलोमीटर की दूरी पर है।

हुमायूं का मकबरा

World Heritage Sites of India in Hindi

हुमायूँ का मकबरा, भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है और इसको 1993 में विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया था। इसका निर्माण भारत के दूसरे मुग़ल शासक हुमायूँ की बेगम ‘बीगा बेगम’ ने कराया था।

कुतुब मीनार और उसके स्मारक

क़ुतुब मीनार और मीनार के अन्य स्मारकों को 1993 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था और ये भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित हैं।

भारत की पर्वतीय रेलवे

भारत की हिमालयन रेलवे या पर्वतीय रेलवे में से ‘दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे, दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल)’ को 1999 में, ‘नीलगिरि हिमालयन रेलवे, ऊटी (तमिल नाडु)’ को 2005 में और ‘कालका-शिमला रेलवे, हिमाचल प्रदेश’ को 2008 में विश्व धरोहर के रूप में UNESCO द्वारा अंकित किया गया था।

बोधगया का महाबोधि मंदिर परिसर

बोधगया का महाबोधि मंदिर परिसर को UNESCO द्वारा वर्ष 2002 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था। यह स्थान इसलिए भी जाना जाता है और पूजनीय है कयोंकि भगवान गौतम बुद्ध को यहीं पर 35 वर्ष की आयु में प्रबुद्धता प्राप्त हुई थी।

भीमबेटका के रॉक शेल्टर

भीमबेटका के रॉक शेल्टर को युनेस्को द्वारा 2003 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था। यह मध्य प्रदेश के विंध्य रेंज की पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है। इन प्राकृतिक रॉक आश्रयों के भीतर रॉक पेंटिंग का एक शानदार भंडार मौजूद है और ऐसा माना जाता है कि ये आज से 30000 वर्ष पुराने हैं।

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई का एक ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन है, जो मध्य रेलवे के मुख्यालय के रूप में कार्य करता है। छत्रपति शिवाजी टर्मिनस को यूनेस्को ने 2004 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया था।

चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान

चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान को 2004 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था। यह गुजरात के पंचमहल जिले में स्थित है। यह पुरातात्विक, ऐतिहासिक और जीवित सांस्कृतिक विरासत गुणों का एक प्रभावशाली परिदृश्य है जिसमें ताम्रपाषाण युग के स्थल शामिल हैं।

लाल किला परिसर

भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किला एक भव्य किला है, जिसको मुग़ल शासक शाहजहाँ ने बनवाया था। यह भारत में मुग़ल कला एवं संस्कृति का एक अद्भुत प्रतीक है। लाल किला परिसर को UNESCO ने 2007 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया था।

जयपुर का जंतर- मंतर

भारत की विश्व धरोहरों की सूची में अगला नंबर राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित जंतर-मंतर का आता है। जयपुर के जंतर-मंतर को 2010 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था। इसको महाराजा जय सिंह द्वितीय ने अपनी तत्कालीन नई राजधानी जयपुर में 1727 और 1734 के बीच बनवाया था।

पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला

केरल, तमिल नाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्यों में फैली पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला को UNESCO द्वारा 2012 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया था।

राजस्थान के पहाड़ी किले

राजस्थान की पहाड़ियों पर बने चित्तौड़गढ़, कुम्भलगढ़, रणथम्बोर, जैसलमेर, झालावाड़, आमेर के किलों को UNESCO ने 2013 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया था। ये सभी किले राजपूतों के वास्तुकला और संस्कृति को दर्शाते हैं। राजपूत राजा अधिकतर अपनी सेना को मजबूत बनाने और सुरक्षा प्रदान करने के लिए पहाड़ियों पर किले बनाया करते थे।

रानी की बावड़ी, पाटन

गुजरात के पाटन में रानी की बावड़ी, एक प्रसिद्ध बावड़ी है जो अपने आकार और मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध है। रानी की बावड़ी की लंबाई लगभग 64 मीटर, चौड़ाई 20 मीटर और गहराई 27 मीटर है और यहां भगवान की 500 से अधिक मूर्तियां हैं।

ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क

ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित है और इसकी विशेषज्ञता ऊँची अल्पाइन चोटियां, अल्पाइन घास के मैदान और नदी के जंगल हैं। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को 2014 में विश्व धरोहरों में शामिल किया गया था।

नालंदा महाविहार का पुरातत्व स्थल

नालंदा महाविहार का पुरातत्व स्थल भारत के बिहार राज्य में स्थित है। इसमें तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 13वीं शताब्दी तक के एक मठवासी और शैक्षिक संस्थान के पुरातात्विक अवशेष हैं। इसको 2016 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था।

कंचनजंगा बायोस्फीयर रिजर्व और नेशनल पार्क

कंचनजंगा बायोस्फीयर रिजर्व और नेशनल पार्क, भारत के पूर्वोत्तर में स्थित सिक्किम राज्य में है और इसको 2016 में विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया था।

ले कॉर्बूसियर का आर्किटेक्चरल कार्य

भारत के केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में मौजूद ले कॉर्बूसियर की कई वास्तुशिल्प परियोजनाओं को वर्ष 2016 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था।

अहमदाबाद का ऐतिहासिक शहर

भारत के राज्य गुजरात में स्थित अहमदाबाद के ऐतिहासिक शहर को शासक अहमद शाह ने 15वीं शताब्दी में बसाया था। अहमदाबाद शहर साबरमती नदी के किनारे बसा हुआ एक ऐतिहासिक शहर है और इसको UNESCO ने वर्ष 2017 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया था।

मुंबई का विक्टोरियन और आर्ट डेको एनसेंबल

यह भारत के महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में स्थित बॉम्बे हाई कोर्ट, राजाबाई क्लॉक टॉवर, इरोस सिनेमा और दीक्षांत समारोह हॉल, मुंबई विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय पुस्तकालय आदि इमारतों का समूह है। मुंबई के इन इमारतों के समूह, जिसको विक्टोरियन और आर्ट डेको एनसेंबल कहा जाता है, को 2018 में UNESCO द्वारा विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया था।

जयपुर

भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर को 2019 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था।

निष्कर्ष

यहाँ पर इस लेख में आपको भारत के विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Sites of India) से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है। यह जानकारी आपको भारत देश और उसकी सभ्यता, संस्कृति और प्राकृतिक विरासत को जानने और समझने में लाभकारी होगी और इस जानकारी के माध्यम से छात्र अपना सामान्य ज्ञान (GK) भी बढ़ा सकते हैं। भारत के विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Sites of India) से सम्बंधित इस लेख के अलावा आप हमारी वेबसाइट शिक्षाव्यवसाय.कॉम पर भारत में मौजूद कैरियर, शिक्षा और रोज़गार आदि से सम्बंधित विभिन्न जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं।

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