यदि आप अपने गांव में या किसी छोटे ग्रामीण स्थान पर कम निवेश में कोई लाभदायक व्यवसाय करना चाहते हैं तो बकरी पालन एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। भारत में बकरी पालन एक लाभदायक बिज़नेस है, जो कम निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है। यह व्यवसाय छोटे से छोटे स्तर से लेकर मध्यम या बड़े स्तर तक किया जा सकता है। यदि आप भी बकरी पालन को व्यवसाय या बिज़नेस के रूप में करना चाहते हैं तो यहाँ पर आपको इस से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। अतः आइये जानते हैं कि बकरी पालन कैसे करें और बकरी पालन से पैसे कैसे कमाएं।
Table of Contents
बकरी पालन व्यवसाय क्या होता है
बकरी पालन वह व्यवसाय होता है जिसमें घरेलू बकरियों का पालन-पोषण, प्रजनन आदि उनके दूध, मांस, शरीर के बाल और त्वचा आदि के व्यापार या बिक्री के लिए किया जाता है। बकरी के दूध से विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण भी किया जाता है, अतः बकरी का दूध दवा निर्माता कंपनियों को भी बेचा जाता है। बकरी पालन से जुड़ी कमाई को देखते हुए ही इस बिज़नेस की ओर अनेक ग्रामीण व्यक्ति आकर्षित होते हैं। बकरी की विभिन्न प्रजातियां दूध या मांस के लिए बेहतर मानी जाती हैं।
बकरी पालन के लिए कितनी जगह चाहिए
बकरी पालन के लिए अधिक जगह की आवश्यकता नहीं होती है और यह बकरियों की संख्या पर निर्भर करती है। यदि आप एक या दो बकरियों से अपने व्यवसाय की शुरुआत करना चाहते हैं तो इसके लिए 10*10 फुट के एक छोटे स्थान से भी काम चल सकता है। यह ध्यान रहे कि बकरी पालन के लिए स्थान हवादार होना चाहिए परन्तु इस तरीके से ढका हुआ भी होना चाहिए कि वह आँधी-तूफ़ान, बारिश और तेज धूप आदि प्राकृतिक आपदाओं से बकरियों को बचा कर रखे। बकरी पालन के लिए बने स्थान में बकरियों के खाने-पीने और रात के लिए शौच आदि की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
गांव में बकरी पालन कैसे करें
यदि आप अपने गाँव में बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो आप निम्नलिखित तरीके से अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं:-
उचित स्थान का चुनाव
बकरी पालन के लिए सर्वप्रथम एक ऐसे उचित स्थान का चुनाव करें जो बकरियों के रहने के लिए सही हो। जैसे कि वहाँ पर बकरियों का अत्यधिक सर्दी, गर्मी और बारिश आदि से बचाव का उचित प्रावधान हो; वह स्थान हवादार हो; बकरियां बिना घुटन के आराम से रह सकें; थोड़ा टहलने, खाने-पीने, शौच आदि के लिए पर्याप्त स्थान हो; आदि। उपरोक्त के साथ-साथ आसपास हरियाली या खेती हो जहाँ जा कर बकरियां घास आदि भी खा सकें। वैसे बकरियां घर पर बनी सब्जियों आदि के छिलके या कृषि उत्पादों का बचा हुआ चारा आदि भी खा लेती हैं।
सही नस्ल का चुनाव
आप अपने व्यवसाय के उद्देश्यों के अनुसार बकरी की सही नस्ल का चुनाव करें। जैसे कि यदि आप दूध बेचने के लिए बकरी पालन करना चाहते हैं तो उसके अनुसार सही नस्ल चुनें और यदि मांस के व्यापार के लिए बकरी पालन कर रहे हैं तो उसके अनुसार नस्ल का चुनाव करें। कुछ बकरी की नस्ल उनके शरीर के बालों को बेचने के लिए पाली जाती हैं जिनसे धागा या कपड़ा बनता है। अतः अपनी आवश्यकतानुसार बकरी की नस्ल का चुनाव करें। बकरी की नस्ल से सम्बंधित जानकारी आपको इस लेख में आगे मिलेगी।
बकरियों की संख्या
बकरी पालन के लिए उचित स्थान चुनने के लिए बकरी की संख्या मायने रखती है। अतः बकरियों की संख्या अपने स्थान के अनुसार या स्थान का चुनाव अपनी योजना के अनुसार चुनें।
नर- मादा का अनुपात
यदि आप शुरुआत में दो बकरियां पालना चाहते हैं तो नर-मादा का अनुपात बराबर रखने के प्रयास करें। दो से अधिक बकरियों को पालने के मामले में आप अपनी आवश्यकता और उद्देश्यों के अनुसार मादाओं की संख्या अधिक रख सकते हैं। ऐसा करने से प्रजनन के बाद आपकी बकरियों की संख्या में आपकी इच्छानुसार बढ़ोतरी होने की संभावना रहेगी।
बकरियों की आयु
जहाँ तक संभावित हो बकरी पालन के लिए अधिक से अधिक युवा बकरियों का चुनाव करें। ऐसा करने से आप बकरी पालन के अपने उद्देश्यों को लम्बे समय तक बनाये रख सकते हैं। यहाँ पर आपको बता दें कि भारत में एक बकरी की औसत आयु 8 से 12 वर्ष तक की होती है, अतः यह प्रयास अवश्य करें कि बकरी पालन के लिए बकरी खरीदते समय अधिकतम 1 वर्ष की आयु तक की बकरी खरीदने का प्रयास करें।
बकरियों की विभिन्न प्रजातियां
भारत में बकरियों की मुख्य प्रजातियां निम्नलिखित हैं:-
- मालाबारी (दूध और मांस के लिए उचित);
- जमुनापुरी (दूध और मांस के लिए उचित);
- ओस्मनाबादी (दूध और मांस के लिए उचित);
- चांगथांगी या पश्मीना या कश्मीरी (कपड़े के लिए उचित);
- अंगोरा (ऊन के लिए उचित);
- जखराना (दूध के लिए उचित);
- चेगु (पश्मीना कपडे के लिए उचित);
- गद्दी (कपड़े के लिए उचित); आदि।
बकरी पालन के लिए लोन (ऋण) कैसे लें
भारत में बकरी पालन एक सूक्ष्म उद्योग माना जा सकता है। अतः इसके लिए विभिन्न बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों से नियमानुसार लोन (ऋण) लिया जा सकता है। भारत में बकरी पालन के लिए लोन पर सब्सिडी देने का प्रावधान भी है और सम्बंधित लोन लेने के लिए आप नाबार्ड बैंक से संपर्क कर सकते हैं। यदि आपके आसपास नाबार्ड बैंक की कोई शाखा नहीं है तो इसके लिए आप अपने नजदीकी भारतीय स्टेट बैंक या अन्य किसी बैंक में जा कर संपर्क कर सकते हैं।
भारत में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग के लिए लोन या ऋण लेने की विभिन्न स्कीमों और तरीकों की जानकारी के लिए आप “लघु-उद्योग के लिए ऋण कैसे लें” पढ़ सकते हैं।
बकरी पालन से पैसे कैसे कमाएं
जैसा कि आपको ऊपर जानकारी मिली है; बकरी पालन के माध्यम से आप बकरियों का दूध, शरीर के बाल, मांस आदि बेच कर पैसे कमा सकते हैं। बकरी का दूध पीने और आयुर्वेदिक दवा निर्माण में काम आता है; बकरी के शरीर के बाल धागा और कपड़ा बनाने के काम आते हैं और बकरी पालन मांस बेचने के लिए भी किया जाता है।
यह भी पढ़ें:
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: 10 बकरी पालने में कितना खर्चा आता है?
उत्तर 1: बकरी पालन का खर्चा पाली गयी बकरियों की संख्या पर निर्भर करता है। साथ ही यह अन्य कई कारकों जैसे कि सम्बंधित स्थान अपना है या किराये का है; बकरी की नस्ल, उनके खान-पान आदि पर भी निर्भर करता है। इसके अलावा बकरियों के बीमारी और नियमित टीकाकरण आदि का खर्च आपके खर्चे में बढ़ोतरी करता है।
प्रश्न 2: बकरी कहाँ से खरीदें?
उत्तर 2: भारत में बकरी खरीदने के लिए आप अपने गाँव के आसपास के किसी भी बकरी बाज़ार या बकरी मंडी में जा सकते हैं।
निष्कर्ष
यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको बकरी पालन से सम्बंधित विभिन्न जानकारी प्राप्त हुई हैं, जैसे कि बकरी पालन क्या है, बकरी पालन कैसे करें, बकरी पालन से पैसे कैसे कमाएं, बकरी की विभिन्न प्रजातियां, बकरी पालन के लिए ऋण सुविधा आदि। यदि आप भी बकरी पालन का बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं तो आप यहाँ पर मौजूद जानकारी का लाभ उठा कर अपना बिज़नेस शुरू कर सकते हैं।
Rajkaran
Rajkaran mauryark624@gmail.com
Sirathu manjhanpur