यदि आप एक डॉक्टर बनना चाहते हैं तो इसकी तैयारी आप सम्बंधित विषय चुनकर 11वीं कक्षा से ही आरम्भ कर देते हैं। परन्तु फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों सहित 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत NEET परीक्षा उत्तीर्ण करके MBBS कोर्स में प्रवेश पाने की जितनी खुशी होती है उतनी ही चिंता MBBS कोर्स के दौरान इस बात की होती है कि MBBS कोर्स के बाद क्या किया जाए- MD और MS में से चिकित्सा शिक्षा का कौनसा स्नातकोत्तर कोर्स किया जाए, कौनसी specialization (विशिष्टता) प्राप्त की जाए और दोनों में क्या समानताएं, अंतर और बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको अपनी सभी जिज्ञासाओं के उत्तर मिलने वाले हैं। अतः आइये जानते हैं कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में MD और MS कोर्स क्या हैं ?
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डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन (MD) कोर्स क्या है
MD कोर्स चिकत्सा शिक्षा (Medical Education) के क्षेत्र में किया जाने वाला 3-वर्षीय स्नातकोत्तर कोर्स होता है, जो MBBS डिग्री उत्तीर्ण करने के उपरांत किया जा सकता है। यह कोर्स MBBS डिग्री धारक डॉक्टरों को चिकित्सा के किसी एक क्षेत्र में विशिष्टता (specialization) प्रदान करता है, जिनमें से प्रमुख विशिष्टताएं medicine (मेडिसिन), gynaecology and obstetrics (स्त्री रोग और प्रसूति), orthopedics (हड्डी रोग), pediatrics (बाल रोग विशेषज्ञ), पैथोलॉजी आदि हैं। यह कोर्स भारत के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में किया जा सकता है।
MD की full form “Doctor of Medicine” होती है।
मास्टर ऑफ़ सर्जरी (MS) कोर्स क्या है
MS कोर्स भी चिकत्सा शिक्षा (Medical Education) के क्षेत्र में किया जाने वाला 3-वर्षीय स्नातकोत्तर कोर्स होता है, जो MBBS डिग्री उत्तीर्ण करने के उपरांत किया जा सकता है। परन्तु MD कोर्स से भिन्न MS कोर्स मुख्यतः सर्जरी (शल्य चिकित्सा) के क्षेत्र में ही डॉक्टरों को विशिष्टता प्रदान करता है। अर्थात MS कोर्स के बाद सम्बंधित चिकित्सक एक सर्जन के रूप में कार्य करता है। यह कोर्स भी भारत के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से किया जा सकता है।
MS की full form “Master of Surgery” होती है।
MD और MS कोर्स में क्या अंतर हैं
MD कोर्स मुख्यतः उन MBBS डिग्री धारक चिकित्सकों के लिए बना है जो मरीजों का इलाज केवल दवा के माध्यम से गैर-सर्जिकल प्रक्रिया अपना कर करना चाहते हैं और MS कोर्स मुख्यतः उन MBBS डिग्री धारक चिकित्सकों के लिए बना है जो विशिष्टया सर्जन बनना चाहते हैं और ऐसे रोगियों का इलाज करते हैं जिनको किसी बीमारी के इलाज के लिए सर्जरी आवश्यक होती है।
यहाँ पर यह बताना भी आवश्यक है MD कोर्स मुख्यतः गैर-सर्जिकल प्रक्रिया से इलाज करना सिखाता है परन्तु MD कोर्स की कुछ विशिष्टताएं भी ऐसी होती हैं जिनमें चिकित्सकों को कभी-कभी या नियमित तौर पर सर्जरी करने की आवश्यकता होती रहती है।
MD और MS कोर्सों में एडमिशन की योग्यता क्या है
MD और MS दोनों ही कोर्सों में एडमिशन के लिए MBBS डिग्री उत्तीर्ण छात्र ही आवेदन कर सकते हैं।
MD और MS कोर्स में एडमिशन कैसे होता है
भारत में लगभग सभी चिकित्सा संस्थानों में MD और MS कोर्सों में एडमिशन ‘NEET PG प्रवेश परीक्षा‘ के माध्यम से होता है।
MD / MS कोर्सों के लिए भारत के टॉप कॉलेज कौनसे हैं
MD / MS कोर्सों के लिए भारत के टॉप कॉलेज निम्नलिखित हैं:-
- AIIMS, नई दिल्ली
- CMC, वेल्लोर
- AFMC, पुणे
- इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस, BHU, वाराणसी
- मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज, दिल्ली
- JIPMER, पुडुचेरी
- किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ
- PGI, चंडीगढ़; आदि।
MD / MS कोर्सों की फीस कितनी होती है
भारत के विभिन्न चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में MD / MS कोर्सों की फीस भिन्न- भिन्न होती है जो 10 हजार रूपये प्रति वर्ष से लेकर 10 लाख रूपये प्रति वर्ष तक हो सकती है और अधिकांश रूप से सरकारी कॉलेजों की फीस प्राइवेट कॉलेजों से कम होती है। अतः किसी भी संस्थान में एडमिशन लेने से पूर्व सम्बंधित फीस अवश्य जांच लें।
MD / MS के बाद क्या करें
MD / MS कोर्सों के बाद आप निम्नलिखित विकल्पों में से कोई एक विकल्प चुन सकते हैं:-
- डॉक्टर / सर्जन के रूप में सरकारी / प्राइवेट नौकरी करना।
- अपना अस्पताल / क्लिनिक खोलना।
- किसी मेडिकल कॉलेज में शिक्षण कार्य करना।
- DM या M.Ch कोर्स करना।
- चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में Ph.D और शोध कार्य करना।
निष्कर्ष
यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको MD और MS कोर्सों से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। अतः आप इस जानकारी का लाभ उठा कर अपनी योग्यता और इच्छानुसार MD या MS कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। आप हमारी वेबसाइट शिक्षाव्यवसाय.कॉम पर भारत में मौजूद करियर, शिक्षा और रोजगार से सम्बंधित विभिन्न विकल्पों की जानकारी प्राप्त कर्त सकते हैं।