किसी भी सरकारी / निजी यात्री बस में कंडक्टर वह कर्मचारी होते हैं जो मुख्यतः यात्रियों से किराये के पैसे लेते हैं, उनको टिकट काट कर देते हैं, उनके सामान के रख-रखाव में सहायता प्रदान करते हैं, उनको सम्बंधित स्थान पर बस से उतारते हैं और अपनी नौकरी से सम्बंधित कुछ लिखित हिसाब-किताब भी करते हैं। यदि आप 10वीं कक्षा उत्तीर्ण हैं और आप 10वीं के बाद सीधा नौकरी करना चाहते हैं तो अभ्यर्थियों के समक्ष बस कंडक्टर के रूप में नौकरी करना कुछ बेहतरीन विकल्पों में से एक विकल्प है।
यदि आप Bus Conductor (बस कंडक्टर) के रूप में सरकारी नौकरी करना चाहते हैं तो आपको विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा समय-समय पर विज्ञापित की जाने वाली रिक्तियों के लिए आवेदन करना होगा। भारत में परिवहन विभाग राज्य सरकार के अधीन विभाग होता है। अतः भारत में बस कंडक्टर की सरकारी नौकरी सम्बंधित राज्य सरकार के अधीन नौकरी होती है। सरकारी नौकरी के अलावा योग्य अभ्यर्थियों के समक्ष किसी भी प्राइवेट यात्री बस सेवा कंपनी में नौकरी प्राप्त करने का विकल्प भी मौजूद होता है।
यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको भारत में बस कंडक्टर (Bus Conductor) बनने से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी। अतः आइये जानते हैं कि बस कंडक्टर कैसे बनें ?
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बस कंडक्टर का क्या काम होता है
भारत में एक बस कंडक्टर मुख्यतः निम्नलिखित काम करता है:-
- बस यात्रियों से टिकट के पैसे लेना।
- बस यात्रियों को सम्बंधित यात्रा का टिकट देना।
- यात्रियों को बस में उनके सामान के रख-रखाव के स्थान की जानकारी देना।
- बस को निर्धारित स्थानों पर रुकवाना।
- सम्बंधित स्थान तक यात्रा करने वाले यात्रियों को बस से उतारना।
- टिकट बिक्री और एकत्रित धनराशि का लेखा-जोखा तैयार करना और सम्बंधित विभाग में जमा कराना।
बस कंडक्टर बनने की योग्यता क्या है
भारत के लगभग सभी राज्यों में बस कंडक्टर बनने के लिए आवेदन करने हेतू अभ्यर्थियों की निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए:-
- 10वीं कक्षा उत्तीर्ण।
- कंडक्टर लाइसेंस धारक।
- शारीरिक रूप से स्वस्थ।
परन्तु चूँकि बस कंडक्टर की नौकरी राज्य सरकार के अधीन सड़क यातायात / परिवहन विभाग में होती है, अतः सम्बंधित राज्य सरकार उपरोक्त लिखित योग्यताओं के अलावा कोई अन्य योग्यता भी निर्धारित कर सकती हैं। उपरोक्त योग्यताओं के अतिरिक्त एक अन्य अनिवार्य योग्यता सम्बंधित राज्य की भाषा का ज्ञान हो सकती है। अतः हिंदी भाषी राज्यों में कंडक्टर के पद पर आवेदन करने हेतू 10वीं कक्षा तक हिंदी विषय की पढ़ाई और प्रादेशिक भाषी राज्यों में सम्बंधित भाषा सहित 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करना एक अनिवार्य योग्यता हो सकती है।
कुछ राज्यों में बस कंडक्टर के पद पर आवेदन करने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं कक्षा भी निर्धारित की जा सकती है। अन्य योग्यताओं में सम्बंधित राज्यों के आधार पर आयु सीमा भी एक महत्वपूर्ण योग्यता है।
बस कंडक्टर कैसे बनें
भारत के किसी भी राज्य में बस कंडक्टर बनने की योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी निम्नलिखित प्रक्रिया के माध्यम से कंडक्टर के पद पर नियुक्त हो सकते हैं:-
- पद विज्ञापित होने पर तय समय सीमा में आवेदन करें।
- सम्बंधित लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करें।
- यदि साक्षात्कार का चरण भी है तो साक्षात्कार (Interview) उत्तीर्ण करें।
- चिकित्सा परीक्षण उत्तीर्ण करें।
भारत के विभिन्न राज्यों में लिखित परीक्षा का प्रारूप भिन्न-भिन्न हो सकता है, परन्तु कंडक्टर के पद के लिए लिखित परीक्षा मुख्यतः निम्नलिखित सभी या इनमें से कुछ विषयों पर आयोजित की जाती है:-
- अंग्रेजी / हिंदी भाषा
- सामान्य ज्ञान / सामान्य जागरूकता
- गणित
- रीज़निंग
अतः यदि आप उपरोक्त लिखित विषयों की 10वीं कक्षा तक के स्तर की उचित तैयारी कर लेते आप सम्बंधित लिखित परीक्षा आसानी से उत्तीर्ण कर सकते हैं। यदि आप साक्षात्कार / इंटरव्यू की तैयारी से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप “इंटरव्यू की तैयारी कैसे करें” पढ़ सकते हैं।
कंडक्टर लाइसेंस कैसे प्राप्त करें
यदि आप भारत के किसी भी राज्य में बस कंडक्टर के पद के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए कंडक्टर लाइसेंस धारक होना एक अनिवार्य योग्यता है। भारत में कंडक्टर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों के पास निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए:-
- 10वीं कक्षा उत्तीर्ण।
- सम्बंधित अधिनियम के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों का ज्ञान।
- कंडक्टर पद के कार्यों और कर्तव्यों का ज्ञान।
- उचित स्वास्थ्य।
- अच्छे चरित्र का प्रमाण।
उपरोक्त लिखित योग्यता प्राप्त अभ्यर्थी कंडक्टर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए अपने गृह जनपद के सम्बंधित लाइसेंसिंग प्राधिकारी के समक्ष ऑनलाइन/ ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। यदि सम्बंधित अधिकारी द्वारा जाँच में सभी दस्तावेज उचित पाए जाते हैं तो अभ्यर्थी को कुछ वर्षों के लिए वैध कंडक्टर लाइसेंस जारी कर दिया जाता है और सम्बंधित समय सीमा पूर्ण हो जाने के बाद कंडक्टर लाइसेंस का नियमानुसार नवीकरण कराया जा सकता है।
भारत के किसी भी राज्य के किसी भी जनपद के सक्षम अधिकारी द्वारा कंडक्टर लाइसेंस एक बार जारी होने के बाद अभ्यर्थी उस राज्य में कहीं भी सड़क यात्री वाहन (बस आदि) में कंडक्टर पद के लिए आवेदन कर सकता है और कंडक्टर के रूप में नौकरी सकता है।
बस कंडक्टर की सैलरी कितनी होती है
भारत में आजकल अधिकतर राज्य कंडक्टर के पद पर कॉन्ट्रैक्ट या संविदा के आधार पर नियुक्ति करते हैं। अतः एक नवनियुक्त कंडक्टर को उनके ड्यूटी के दिनों की संख्या के अनुसार मासिक पारिश्रमिक दिया जाता है, जो लगभग 10 हजार रूपये प्रति माह होता है। यदि आप किसी प्राइवेट बस कंपनी में कंडक्टर के रूप में नौकरी करते हैं तो आपका वेतन आपके अनुभव और सम्बंधित कंपनी के वेतन मानकों के आधार पर तय किया जाता है। परन्तु प्राइवेट बस कंपनी के एक नवनियुक्त कंडक्टर का शुरुआती मासिक वेतन भी लगभग 10000/- रुपए ही होता है।
परन्तु यदि आप भारत के किसी राज्य सरकार में नियमित रूप से कंडक्टर के पद पर नियुक्त हो जाते हैं तो शुरुआत में आपको 19900/- रूपये का मूल वेतन और अन्य सभी देय भत्ते वेतन के रूप में मिल सकते हैं।
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निष्कर्ष
यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको बस कंडक्टर बनने से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है, जैसे कि बस कंडक्टर क्या काम करता है, बस कंडक्टर बनने की योग्यता क्या है, बस कंडक्टर कैसे बनें, कंडक्टर लाइसेंस कैसे प्राप्त करें, बस कंडक्टर की सैलरी कितनी होती है, आदि। अतः यदि आप एक बस कंडक्टर बनना चाहते हैं तो आप इस जानकारी का लाभ उठा कर अपनी योग्यतानुसार सम्बंधित राज्य में बस कंडक्टर के पद पर नौकरी प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं और सम्बंधित नियुक्ति प्रक्रिया उत्तीर्ण करके बस कंडक्टर बन सकते हैं।