जज कैसे बने

परिचय (Introduction)

Judge या न्यायाधीश भारत की न्याय प्रणाली का एक अत्यधिक सम्मानित और सर्वोच्च पद है। भारत में तीन स्तरीय न्यायिक प्रणाली है- सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court), उच्च न्यायालय (High Court) और अधीनस्थ न्यायालय (Subordinate Courts). भारतीय संविधान के अनुसार किसी भी न्यायालय में Judge (न्यायाधीश) नियुक्त होने के लिए अभ्यर्थी को बार कॉउंसल का सदस्य होना आवश्यक है। बार कॉउंसल का सदस्य बनने के लिए अभ्यर्थी के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से क़ानूनी डिग्री (LLB) होनी आवश्यक है।

भारत में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) उच्चतम न्यायिक मंच है और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) देश का सर्वोच्च न्यायिक पद। भारत में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को Chief Justice of India या संक्षिप्त में CJI भी कहा जाता है। सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश सहित कुल 30 न्यायाधीशों के पद स्थापित हैं। भारत के लगभग सभी राज्यों में एक उच्च न्यायालय (हाई कोर्ट) स्थापित है और उन सभी उच्च न्यायालयों में भी एक मुख्य न्यायाधीश और अन्य कई न्यायाधीशों के पद स्थापित होते हैं। देश की तीसरी न्याय प्रणाली अर्थात अधीनस्थ न्यायालयों में जिला और सत्र न्यायालय (District & Sessions Court) सर्वोच्च होता है। जिलों में जिला और सत्र न्यायालय के अधीन कुछ और न्यायालय भी हो सकते हैं जैसे कि जूनियर सिविल जज कोर्ट या सीनियर सिविल जज कोर्ट या ज्युडिशियल मेजिस्ट्रेट कोर्ट आदि। 

अब हम भारत की तीनों न्यायिक प्रणालियों में Judge (न्यायाधीश) नियुक्त होने की सम्पूर्ण प्रक्रिया जानेंगे।

सर्वोच्च न्यायालय में Judge नियुक्त होने की योग्यता एवं प्रक्रिया 

भारतीय सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)  में Judge (न्यायाधीश) नियुक्त होने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं हैं :-

1. भारत का नागरिक होना चाहिए।

2. किसी एक या एक से अधिक उच्च न्यायालयों में Judge के पद पर कुल 5 वर्ष का अनुभव; या

3. एक या एक से अधिक उच्च न्यायालयों में वक़ील के तौर पर वकालत का 10 वर्ष का अनुभव; या

4. भारत के राष्ट्रपति की राय में एक प्रतिष्ठित न्यायविद होना चाहिए। 

भारतीय सर्वोच्च न्यायालय में Judge (न्यायाधीश) 65 वर्ष की आयु तक पद पर रह सकते हैं और इनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

उच्च न्यायालयों में Judge  नियुक्त होने की योग्यता एवं प्रक्रिया 

भारत के उच्च न्यायालयों (High Courts) में judge (न्यायाधीश) की नियुक्ति भी भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), सम्बंधित राज्य के राज्यपाल और सम्बंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करके भारत के राष्ट्रपति ही करते हैं। उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति भी भारत के राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और सम्बंधित राज्य के राज्यपाल से परामर्श करके करते हैं।

भारत के उच्च न्यायालयों में Judge (न्यायाधीश) नियुक्त होने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं हैं :-

1. भारत का नागरिक होना चाहिए।

2. किसी एक या एक से अधिक न्यायालयों में Judge के पद पर कुल 10 वर्ष का अनुभव; या

3. एक या एक से अधिक उच्च न्यायालयों में वक़ील के तौर पर वकालत का 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।

जिला एवं सत्र न्यायालय या उनके अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायधीश की नियुक्ति प्रक्रिया एवं योग्यता

जिला एवं सत्र न्यायालय या उनके अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायाधीश या judge के पद पर नियुक्त होने के लिए अभ्यर्थियों के पास निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए और निम्नलिखित प्रक्रिया में उत्तीर्ण होना चाहिए :-

1. मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से LLB की डिग्री।

2. भारतीय बार कौंसिल (Bar Council of India) में सदस्य के रूप में पंजीकरण।

3. सम्बंधित राज्य के लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित Judicial Service Exam (न्यायिक सेवा परीक्षा) के सभी चरणों (Preliminary, Mains और Interview) में उत्तीर्ण।

4. Judicial Service Exam (न्यायिक सेवा परीक्षा) में आवेदन करने के लिए आयु सीमा और परीक्षा का pattern (प्रारूप) प्रत्येक राज्य का और प्रति वर्ष अलग- अलग हो सकता है। अतः इस परीक्षा के लिए आवेदन करने से पहले अभ्यर्थी अपनी योग्यता अवश्य जाँच लें।   

यह भी पढ़ें: IAS कैसे बनें

उम्मीद है की इस लेख के माध्यम से आपको भारत की सभी न्यायिक प्रणालियों में Judge या न्यायाधीश बनने की उचित जानकारी प्राप्त हुई होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!