College Professor kaise bane

भारत में कॉलेज प्रोफेसर को एक सम्मानित पद और व्यक्ति माना जाता है। कॉलेज प्रोफेसर अपने क्षेत्र या विषय में प्रख्यात और उत्कृष्ट विद्वान होते हैं और किसी भी कॉलेज में प्रिंसिपल के बाद सबसे वरिष्ठ पद होता है। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि कॉलेज प्रोफेसर कैसे बने (College Professor kaise bane) तो आपको यहाँ पर इस से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी। भारत में किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनने हेतू अभ्यर्थियों के पास असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर अनुभव होना अनिवार्य है। अतः इस लेख में हम यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) के “विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में शिक्षकों और अन्य शैक्षिक कर्मचारियों की नियुक्ति हेतू न्यूनतम अहर्ता तथा उच्चतर शिक्षा में मानकों के रखरखाव हेतू अन्य उपाय सम्बन्धी विनियम, 2018” के अनुसार यूनिवर्सिटी या कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर तीनों ही पदों की सम्पूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया जानेंगे। अतः आइये जानते हैं कि कॉलेज प्रोफेसर कैसे बने (College Professor kaise bane)।

कॉलेज असिस्टेंट प्रोफेसर कैसे बने

भारत के किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय या किसी भी राज्य के विश्वविद्यालय या कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के लिए निम्नलिखित न्यूनतम शैक्षिक योग्यताएं निर्धारित की गयी हैं :

30 जून, 2021 तक के नियम :

  • सम्बंधित विषय में न्यूनतम 55% अंकों सहित पोस्ट-ग्रेजुएशन (स्नातकोत्तर) डिग्री।
  • सम्बंधित विषय के लिए आयोजित की जाने वाली NET परीक्षा में उत्तीर्ण होना।
  • जिन विषयों के लिए NET परीक्षा (National Eligibility Test) का आयोजन नहीं किया जाता है उन विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त होने के लिए NET परीक्षा की अनिवार्यता निर्धारित नहीं की गयी है।
  • जो अभ्यर्थी 11 जुलाई, 2009 तक भारत के किसी भी विश्वविद्यालय में Ph.D डिग्री के लिए रजिस्टर्ड या पंजीकृत थे और उन्होंने अपनी Ph.D डिग्री सफलतापूर्वक सम्पूर्ण कर ली थी, उनके लिए भी NET परीक्षा से छूट दी गयी है।
  • यदि कोई राज्य अपने यहाँ कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हेतू SLET (State Level Eligibility Test) या SET (State Eligibility Test) परीक्षा आयोजित करते हैं तो उन राज्यों में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त होने के लिए अभ्यर्थी NET या सम्बंधित राज्य की SLET/ SET परीक्षा में उत्तीर्ण होने चाहिए।
  • यदि कोई अभ्यर्थी किसी ऐसे विदेशी विश्वविद्यालय (University) से Ph.D डिग्री उत्तीर्ण है जिसकी रैंकिंग विश्व के टॉप 500 विश्वविद्यालयों में रही है, तो ऐसे अभ्यर्थियों को भी भारत के किसी भी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त होने के लिए NET परीक्षा से छूट दी गयी है।

01 जुलाई, 2021 से बाद के नियम :

UGC द्वारा 01 जुलाई, 2021 के बाद से विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त होने वाले अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता पोस्ट-ग्रेजुएशन डिग्री से बढ़ा कर Ph.D डिग्री निर्धारित की गयी है। अन्य सभी योग्यताएं जैसे कि NET/ SLET/ SET परीक्षा आदि की अनिवार्यता 01 जुलाई, 2021 के बाद भी बनी रहेगी।

कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर कैसे बने

भारत में किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के बाद पहली पदोन्नति एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर होती है। यह पद असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर के बीच का पद होता है। एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त या पदोन्नत होने के लिए अभ्यर्थियों के पास निम्नलिखित न्यूनतम शैक्षिक योगयताएं और अनुभव होना चाहिए :

  • सम्बंधित विषय में न्यूनतम 55% अंकों सहित पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री।
  • सम्बंधित विषय में Ph.D डिग्री।
  • असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर न्यूनतम 8 वर्षों का अनुभव।
  • किसी भी UGC लिस्टेड जर्नल में अभ्यर्थी के न्यूनतम 7 रिसर्च पेपर का प्रकाशन।

कॉलेज प्रोफेसर कैसे बने

भारत में किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद के बाद अगली पदोन्नति प्रोफेसर के पद पर होती है। कॉलेज प्रोफेसर के पद पर नियुक्त या पदोन्नत होने के लिए अभ्यर्थियों के पास निम्नलिखित न्यूनतम शैक्षिक योगयताएं और अनुभव होना चाहिए :

  • सम्बंधित विषय में Ph.D डिग्री सहित एक विद्वान्।
  • असिस्टेंट प्रोफेसर / एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर; और / या किसी यूनिवर्सिटी/ राष्ट्रीय शोध संस्थान में कुल 10 वर्षों का शिक्षण/ शोध का अनुभव।

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कॉलेज प्रिंसिपल कैसे बने

भारत में कॉलेज में प्रिंसिपल बनने हेतू अभ्यर्थियों के पास निम्नलिखित योगयताएं और अनुभव होना अनिवार्य है :

  • Ph.D डिग्री।
  • प्रोफेसर या एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर न्यूनतम 15 वर्ष के शिक्षण का अनुभव।
  • किसी भी UGC द्वारा लिस्टेड जर्नल में 10 रिसर्च पेपर प्रकाशित होना।
  • किसी भी कॉलेज प्रिंसिपल की नियुक्ति 5 वर्षों के लिए की जाती है जो अन्य 5 वर्षों के लिए बढ़ाई जा सकती है।
  • उपरोक्त लिखित 5 वर्षों के कार्यकाल की समाप्ति के बाद कॉलेज प्रिंसिपल को दोबारा प्रोफेसर के पद पर शिक्षण कार्य आरम्भ करना होता है।

निष्कर्ष

हमने यहाँ पर भारत के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सभी स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया समझाने और बताने की कोशिश की है। अतः हम आशा करते हैं कि आपको इस लेख के माध्यम से भारत में कॉलेज प्रोफेसर (College Professor), एसोसिएट प्रोफेसर (Associate Professor), असिस्टेंट प्रोफेसर (Assistant Professor) और कॉलेज प्रिंसिपल (College Principal) के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया की उचित जानकारी प्राप्त हुई होगी। इस लेख में मौजूद जानकारियों का वह सब छात्र/ अभ्यर्थी लाभ उठा पाएंगे जो भारत में टीचर (Teacher) बनने की इच्छा रखते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप भारत के राजपत्र (The Gazette of India) में प्रकाशित UGC के सम्बंधित Gazatte Notification को इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

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