आज के युग की बढ़ती हुई महंगाई से शिक्षा क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है और भारत में या विदेश से किसी पेशेवर कोर्स (इंजीनियरिंग, मेड़िकल, MBA, MCA आदि) में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा अनेक छात्र रखते हैं। परन्तु इन कोर्सों की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी कुछ छात्रों के परिवार की आय इतनी अधिक नहीं होती है कि वे इन कोर्सों की फीस भर पाएं। यहाँ पर आवश्यकता होती है शिक्षा ऋण या Education Loan के माध्यम से कोर्स की फीस भरने की।
यदि आप भी भारत से या विदेश से कोई उच्च शिक्षा कोर्स करना चाहते हैं और इसके लिए शिक्षा ऋण या Education Loan लेना चाहते हैं तो इस लेख के माध्यम से आपको भारत में शिक्षा ऋण (Education Loan) लेने से सम्बंधित विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। अतः आइये जानते हैं कि भारत में शिक्षा ऋण या Education Loan कैसे लें।
Table of Contents
एजुकेशन लोन क्या होता है
एजुकेशन लोन या शिक्षा ऋण वह ऋण होता है जो छात्र भारत में या विदेश से उच्च शिक्षा (स्नातक या स्नातकोत्तर कोर्स) प्राप्त करने के लिए फीस भरने हेतू ले सकते हैं।
शिक्षा ऋण में केवल कॉलेज/ यूनिवर्सिटी फीस ही नहीं अपितु हॉस्टल फीस, लैपटॉप खरीदने का खर्च एवं यात्रा खर्च (विदेश) भी नियमानुसार सम्मिलित हो सकता है।
एजुकेशन लोन लेने की योग्यता क्या है
शिक्षा ऋण के लिए आवेदन करने की पहली और महत्वपूर्ण योग्यता यह है कि सम्बंधित छात्र का सम्बंधित स्नातक या स्नातकोत्तर कोर्स में एडमिशन पक्का हो गया हो, अर्थात सम्बंधित छात्र ने सम्बंधित यूनिवर्सिटी/ कॉलेज के सम्बंधित कोर्स की सम्बंधित प्रवेश परीक्षा/ प्रक्रिया उत्तीर्ण कर ली हो।
शिक्षा ऋण में आवेदक छात्र के माता-पिता और भाई-बहन सह-आवेदक हो सकते हैं।
एजुकेशन लोन कहाँ से मिलता है
भारत में education loan लेने के लिए सम्बंधित छात्र और उसके माता-पिता या भाई-बहन किसी भी आधिकारिक राष्ट्रीयकृत या निजी बैंक में आवेदन कर सकते हैं। जहाँ तक शिक्षा ऋण पर ब्याज दर का सवाल है तो वह प्रत्येक बैंक का भिन्न-भिन्न हो सकता है।
शिक्षा ऋण कितनी धनराशि का मिल सकता है
भारत में शिक्षा ऋण (Education Loan) पूरे कोर्स के लिए नियमानुसार 1 लाख रूपये से लेकर 1 करोड़ रूपये तक का मिल सकता है। प्रत्येक बैंक की भारत में या विदेश से पढ़ाई के अनुसार एजुकेशन लोन देने की अधिकतम धनराशि सीमा तय होती है।
भारत में शिक्षा ऋण (Education Loan) पूरे कोर्स की कुल फीस का 100% तक मिल सकता है और यह आपकी योग्यतानुसार और सम्बंधित नियमानुसार आपके बैंक पर निर्भर करता है।
Education Loan को चुकाने के नियम क्या हैं
भारत में किसी भी छात्र के शिक्षा ऋण लेने के बाद उसको चुकाने के नियम अन्य ऋणों के मुकाबले तुलनात्मक रूप से उदार हैं। एजुकेशन लोन लेने के बाद उसको चुकाने की पहली क़िस्त सम्बंधित कोर्स पूरा होने की कुछ अवधि के बाद शुरू होती है और यह समय सम्बंधित बैंक के नियमों के अनुसार कोर्स पूरा होने के 6 महीने बाद से लेकर कुछ वर्षों बाद तक का भी हो सकता है। अर्थात शिक्षा ऋण के मामले में छात्र को अपने पूरे पाठ्यक्रम (कोर्स) की अवधि के दौरान कोई भी क़िस्त चुकाने की आवश्यकता नहीं होती है और छात्रों को सम्बंधित कोर्स के बाद ऋण की क़िस्त चुकाने के लिए नौकरी पाने का भी कुछ समय दिया जाता है।
एजुकेशन लोन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज
भारत में एजुकेशन लोन लेने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:-
- पहचान पत्र (आधार कार्ड या अन्य);
- निवास प्रमाण पत्र (आधार कार्ड या अन्य);
- सम्बंधित मार्कशीट;
- सम्बंधित कोर्स में एडमिशन का प्रस्ताव पत्र/ सबूत;
- सम्बंधित कोर्स की फीस का प्रमाण;
- सह-आवेदक के पहचान और निवास प्रमाण-पत्र;
- सह-आवेदक की आय का स्रोत और प्रमाण पत्र; आदि।
शिक्षा ऋण पर टैक्स लाभ
भारत में वर्तमान में शिक्षा ऋण चुकाते समय दी जाने वाली ब्याज राशि आयकर अधिनियम की धारा 80(E) के अंतर्गत नियमानुसार आयकर (इनकम टैक्स) से छूट प्राप्त है।
Education Loan से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु
- एजुकेशन लोन लेने के लिए सम्बंधित छात्र मुख्य आवेदक होता है।
- एजुकेशन लोन लेने के लिए सम्बंधित छात्र के माता-पिता या भाई-बहन सह-आवेदक होते हैं।
- Education Loan मुख्यतः किसी स्नातक या स्नातकोत्तर या अन्य उच्च शिक्षा कोर्स के लिए मिल सकता है।
- Education Loan भारत में या विदेश से पढ़ाई के लिए लिया जा सकता है।
- एजुकेशन लोन में यूनिवर्सिटी/ कॉलेज फीस, हॉस्टल फीस, विदेश यात्रा खर्च, लैपटॉप खरीदने का खर्च आदि खर्च नियमानुसार और योग्यतानुसार सम्मिलित हो सकते हैं।
- शिक्षा ऋण मुख्यतः भारत के किसी भी बैंक से नियमानुसार 1 लाख रूपये से लेकर 1 करोड़ रूपये तक की धनराशि का लिया जा सकता है।
- एजुकेशन लोन पूरे कोर्स की सम्पूर्ण कोर्स फीस का 100% तक मिल सकता है, जो आपके बैंक पर निर्भर करता है।
- शिक्षा ऋण को चुकाने की प्रथम क़िस्त सम्बंधित कोर्स की अवधि पूरी होने के कुछ महीनों बाद शुरू होती है।
- शिक्षा ऋण को चुकाते समय दिए जाने वाले ब्याज पर नियमानुसार आयकर अधिनियम की धारा 80(E) के अंतर्गत आयकर से छूट प्राप्त होती है।
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निष्कर्ष
यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको भारत में शिक्षा ऋण लेने से सम्बंधित विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है, जैसे कि एजुकेशन लोन क्या होता है, एजुकेशन लोन लेने की योग्यता क्या है, Education Loan कैसे लें, Education Loan को चुकाने के नियम आदि। अतः यदि आप भी भारत में या विदेश से कोई ऐसा उच्च शिक्षा कोर्स करना चाहते हैं जिसकी कुल फीस का खर्च आपकी पहुँच से बाहर है तो आप इस लेख में मौजूद जानकारी का लाभ उठा कर भारत के किसी भी आधिकारिक बैंक से शिक्षा ऋण लेकर अपना सपना पूरा कर सकते हैं।
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