BDS vs BAMS vs BHMS course comparison in hindi

यदि आप 12th कक्षा के छात्र हैं या आपने 12th कक्षा उत्तीर्ण कर ली है और 12th के बाद चिकित्सा क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं और इसके लिए NEET परीक्षा देने की सोच रहे हैं या दे चुके हैं और किसी कारणवश आप MBBS कोर्स में प्रवेश पाने से वंचित रह जाएँ या रह गए हैं और चिकित्सा क्षेत्र में ही अन्य कोर्स विकल्पों के माध्यम से डॉक्टर बनना चाहते हैं तो इसके लिए आप BDS या BAMS या BHMS कोर्स कर सकते हैं। BDS कोर्स के माध्यम से आप दन्त चिकित्सक या Dentist (दाँतो के डॉक्टर); BAMS कोर्स के माध्यम से आप आयुर्वेदिक डॉक्टर और BHMS कोर्स के माध्यम से आप होम्योपैथिक डॉक्टर बन सकते हैं।

परन्तु MBBS कोर्स में प्रवेश पाने से वंचित रह जाने वाले प्रत्येक छात्र के मन में यह सवाल अवश्य होता है कि BDS या BAMS या BHMS कोर्सों में से श्रेष्ठ या अच्छा विकल्प कौनसा है और इन तीनों कोर्सों में क्या-क्या समानताएं या अंतर हैं और इन कोर्सों को करने के बाद कौनसा कोर्स बेहतर करियर विकल्प प्रदान कर सकता है, तो इस से सम्बंधित पूरी जानकारी आपको यहाँ पर मिलेगी। अतः आइये जानते हैं कि BDS या BAMS या BHMS में से कौनसा कोर्स करें और क्यों ?

BDS कोर्स क्या है

BDS या ‘बैचलर ऑफ़ डेंटल सर्जरी’ एक 5-वर्षीय स्नातक (ग्रेजुएशन) डिग्री कोर्स होता है और यह 12th के बाद किया जाता है। यह कोर्स सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थी एक दन्त चिकित्सक या डेंटिस्ट के रूप में कार्य कर सकते हैं। BDS कोर्स में प्रवेश भी NEET परीक्षा के माध्यम से ही होता है।

BDS कोर्स से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप “BDS कोर्स क्या है और कैसे करें” पढ़ सकते हैं।

BAMS कोर्स क्या है

BAMS या ‘बैचलर ऑफ़ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी’ कोर्स एक स्नातक (ग्रेजुएशन) कोर्स है जो 12th के बाद किया जा सकता है। BAMS कोर्स की कुल अवधि 5 वर्ष और 6 महीने की होती है। BAMS कोर्स सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थी आयुर्वेदिक डॉक्टर के रूप में कार्य कर सकते हैं।

BAMS कोर्स से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए आप “BAMS क्या है और कैसे करें” पढ़ सकते हैं।

BHMS कोर्स क्या है

BHMS या ‘बैचलर ऑफ़ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी’ कोर्स एक स्नातक (ग्रेजुएशन) कोर्स है जो 12th के बाद किया जा सकता है। BHMS कोर्स में प्रवेश भी NEET परीक्षा के माध्यम से ही होता है। BHMS कोर्स सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थी होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में कार्य कर सकते हैं।

BHMS कोर्स से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए आप “BHMS क्या है और कैसे करें” पढ़ सकते हैं।

BDS, BAMS और BHMS कोर्सों में समानताएं

BDS, BAMS और BHMS कोर्सों में मुख्य समानताएं निम्नलिखित हैं:-

  • तीनों कोर्स चिकित्सा क्षेत्र के स्नातक (ग्रेजुएशन) कोर्स हैं;
  • तीनों कोर्स फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और अंग्रेजी विषयों सहित 12th कक्षा उत्तीर्ण छात्र कर सकते हैं;
  • तीनों कोर्सों में प्रवेश (एडमिशन) NTA द्वारा आयोजित की जाने वाली NEET परीक्षा के माध्यम से होता है;
  • तीनों कोर्सों को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थी अलग-अलग पद्धति के डॉक्टर बनते हैं; आदि।

BDS, BAMS और BHMS कोर्सों में अंतर

BDS, BAMS और BHMS कोर्सों में मुख्य और सबसे महत्वपूर्ण अंतर यह होता है कि BDS कोर्स के बाद अभ्यर्थी दन्त-चिकित्सक के रूप में कार्य कर सकते हैं या दन्त चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं; BAMS कोर्स के बाद अभ्यर्थी आयुर्वेदिक डॉक्टर के रूप में कार्य कर सकते हैं या आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं; और BHMS कोर्स के बाद अभ्यर्थी होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में ही कार्य कर सकते हैं या होम्योपैथी चिकित्सा के क्षेत्र में ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

उपरोक्त अंतर के अनुसार ही सम्बंधित कोर्स में सम्बंधित चिकित्सा पद्धति या विशिष्टता के सम्बन्ध में पढ़ाई कराई जाती है।

BDS, BAMS और BHMS के बाद करियर विकल्प

जैसा कि हमने ऊपर बताया – BDS कोर्स के बाद अभ्यर्थी दन्त-चिकित्सक या डेंटिस्ट या दाँतों के डॉक्टर के रूप में कार्य कर सकते हैं या दन्त चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं; BAMS कोर्स के बाद अभ्यर्थी आयुर्वेदिक डॉक्टर के रूप में कार्य कर सकते हैं या आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं; और BHMS कोर्स के बाद अभ्यर्थी होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में ही कार्य कर सकते हैं या होम्योपैथी चिकित्सा के क्षेत्र में ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

BDS, BAMS और BHMS में से कौनसा कोर्स है बेहतर

जहां तक बात है बीडीएस, बीएएमएस, बीएचएमएस में से कौन सा कोर्स दूसरे से बेहतर है; तो सीधा जवाब केवल इतना है कि यह व्यक्ति की पसंद पर निर्भर करता है।

हालाँकि, जहाँ तक पिछले रुझानों का संबंध है; जो उम्मीदवार अपनी NEET परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद MBBS पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं ले पाते हैं, वे पहले BDS पाठ्यक्रम की ओर बढ़ते हैं। और BDS कोर्स के बाद BAMS या BHMS कोर्स में अपने क्षेत्र के लोगों की मांग के आधार पर अपनी वरीयता तय करके प्रवेश लेते हैं।

उपरोक्त के अलावा, जहाँ तक बेहतर करियर विकल्प का सवाल है तो BDS, BAMS और BHMS तीनों कोर्सों को उत्तीर्ण करने के उपरांत अभ्यर्थी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं या अपना क्लिनिक या अस्पताल भी खोल सकते हैं।

अतः NEET परीक्षा में प्राप्तांक और रैंक के आधार पर MBBS कोर्स में एडमिशन लेने से वंचित रहे अभ्यर्थी उपरोक्त तीनों कोर्सों में से अपनी पसंद के अनुसार किसी भी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं।

निष्कर्ष

यहाँ पर इस लेख के माध्यम से अभ्यर्थियों को MBBS के बाद BDS या BAMS या BHMS कोर्सों की तुलना समझाने का प्रयास किया गया है। अतः यदि आप भी NEET परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या आपने डॉक्टर बनने के लिए NEET परीक्षा दी है तो आप इस जानकारी का लाभ उठा कर MBBS के अलावा उपरोक्त तीन कोर्सों के विकल्प के बारे में भी सोच सकते हैं।

आप हमारी वेबसाइट शिक्षाव्यवसाय.कॉम पर भारत में मौजूद करियर, शिक्षा, रोज़गार और बिज़नेस आदि के विभिन्न विकल्पों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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