BAMS एक स्नातक (ग्रेजुएशन) कोर्स है, जो 12th के बाद किया जाता है। BAMS कोर्स आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए किया जाने वाला कोर्स है और इस कोर्स की कुल अवधि 5 वर्ष और 6 महीने की होती है। 5 वर्ष और 6 महीने के इस कोर्स में साढ़े चार वर्ष की पढ़ाई और एक वर्ष की इंटर्नशिप होती है। फिजिक्स (भौतिक विज्ञान), केमिस्ट्री (रसायन विज्ञान) और बायोलॉजी (जीव विज्ञान) विषयों सहित 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र BAMS कोर्स में प्रवेश पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि आप भी BAMS कोर्स में प्रवेश पाना चाहते हैं तो यहाँ पर आपको BAMS कोर्स से सम्बंधित पूरी जानकारी दी जायेगी। अतः, आइये जानते हैं कि BAMS कोर्स क्या है और कैसे करें।
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BAMS कोर्स क्या है
BAMS या “बैचलर ऑफ़ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी” एक साढ़े पाँच वर्षीय ग्रेजुएशन (स्नातक) डिग्री कोर्स है, जो फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र कर सकते हैं। इस कोर्स में प्रथम साढ़े चार वर्ष की पढ़ाई और उसके बाद एक वर्ष की इंटर्नशिप होती है। BAMS कोर्स में आयुर्वेदिक पद्धति या आयुर्वेदिक दवाइयों के माध्यम से इंसानी रोगों के इलाज के बारे में पढ़ाया और समझाया जाता है। BAMS कोर्स सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के बाद छात्रों को आयुर्वेदिक डॉक्टर की उपाधि दी जाती है। आयुर्वेद को दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धतियों में से एक माना जाता है और आयुर्वेदिक दवाइयाँ मुख्यतः प्राकृतिक रूप में ही प्रयोग की जाती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार इंसानी शरीर में मुख्यतः तीन विकार होते हैं, जिनके कारण ही इंसानों में सभी रोग उत्पन्न होते हैं और वह तीन विकार निम्नलिखित हैं:-
- वात
- पित्त
- कफ
BAMS की full form “Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery” होती है।
BAMS में एडमिशन की योग्यता क्या है
BAMS कोर्स में admission लेने के लिए न्यूनतम निर्धारित अंकों सहित फिजिक्स (भौतिक विज्ञान), केमिस्ट्री (रसायन विज्ञान) और बायोलॉजी (जीव विज्ञान) विषयों के साथ 12th कक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र आवेदन कर सकते हैं।
BAMS कोर्स में admission कैसे होता है
भारत के लगभग सभी आयुर्वेदिक शिक्षण संस्थानों में BAMS कोर्स में NEET परीक्षा के माध्यम से प्रवेश मिलता है।
BAMS कोर्स के विषय (Subjects)
BAMS कोर्स में मुख्यतः निम्नलिखित विषय (Subjects) पढ़ाये जाते हैं:-
- क्रिया शरीर
- रचना शरीर
- आयुर्वेद का इतिहास
- चरक संहिता
- शल्यचिकित्सा
- काया चिकित्सा
- स्त्री रोग
- प्रसूति तंत्र
- रोग विज्ञान
- पदार्थ विज्ञान
- विकृति विज्ञान
- अष्टांग हृदयं
- पंचकर्म
- द्रव्यगुण विज्ञान; आदि।
BAMS के लिए भारत के टॉप कॉलेज
BAMS कोर्स करने के लिए भारत के कुछ श्रेष्ठ (Best) शिक्षण संस्थान निम्नलिखित हैं:-
- इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेड़िकल साइंस (IMS), BHU, वाराणसी
- पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज, हरिद्वार
- राज्य आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल, लखनऊ
- श्री कृष्णा गवर्नमेंट आयुर्वेदिक मेड़िकल कॉलेज, कुरुक्षेत्र
- गवर्नमेंट आयुर्वेदिक कॉलेज, पटना
- मदन मोहन मालवीय गवर्नमेंट आयुर्वेद कॉलेज, उदयपुर
- गुजरात आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, जामनगर
- राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर
BAMS कोर्स की fees
भारत में BAMS कोर्स की प्रत्येक वर्ष की फ़ीस 25 हजार रूपये से लेकर 3 लाख रूपये तक हो सकती है और यह विभिन्न विश्वविद्यालयों/ शिक्षण संस्थानों के लिए भिन्न-भिन्न हो सकती है।
BAMS के बाद क्या करें
BAMS कोर्स को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थी निम्नलिखित विकल्पों में से कोई विकल्प चुन सकते हैं:-
- आयुर्वेद में M.S. या M.D. स्नातकोत्तर (पोस्ट-ग्रेजुएशन) कोर्स करना।
- किसी सरकारी/ प्राइवेट अस्पताल में आयुर्वेदिक डॉक्टर बनना।
- अपना अस्पताल या क्लिनिक खोलना।
- उच्च शिक्षा (M.D. या Ph.D) प्राप्त करके आयुर्वेदिक संस्थानों में शिक्षक बनना।
- उच्च शिक्षा प्राप्त करके आयुर्वेदिक वैज्ञानिक बनना।
- आहार विशेषज्ञ बनना; आदि।
निष्कर्ष
यहाँ पर हमने आपको BAMS क्या है और BAMS कोर्स से सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। यदि आप एक चिकित्सक या डॉक्टर बनना चाहते हैं तो आप आयुर्वेदिक पद्धति को अपना सकते हैं और BAMS कोर्स करके एक आयुर्वेदिक डॉक्टर बन सकते हैं। आप हमारी वेबसाइट शिक्षाव्यवसाय.कॉम पर भारत में मौजूद कैरियर, शिक्षा और रोज़गार के विभिन्न विकल्पों के बारे में जान सकते हैं।