civil engineer kaise bane

भारत में ही नहीं अपितु दुनिया भर में यदि इंजीनियरिंग शाखाओं में से सबसे पुरानी ब्रांच/ ट्रेड/ शाखा की बात की जाए तो सिविल इंजीनियरिंग तकनीकी क्षेत्र में सबसे पुरानी शाखाओं में से एक है। सिविल इंजीनियरिंग विषय/ शाखा में डिग्री या डिप्लोमा धारक व्यक्ति को सिविल इंजीनियर कहा जाता है। एक सिविल इंजीनियर मुख्यतः विभिन्न आवासीय और वाणिज्यिक ढांचों/ इमारतों/ भवनों के निर्माण की योजना, डिजाइन और पर्यवेक्षण का कार्य करता है। चूँकि भारत एक विकासशील देश है, अतः यहाँ पर विभिन्न आवासीय और वाणिज्यिक इमारतों और अन्य ढांचों का निर्माण सदैव होता रहता है और सिविल इंजीनियरों की मांग सदा बनी रहती है। अतः जहाँ तक इंजीनियरिंग का सवाल है तो सिविल इंजीनियरिंग सदा से ही एक सदाबहार ब्रांच/ ट्रेड रही है जिसमें नौकरियों की उपलब्धता हर समय बनी रहती है।

यदि आप एक सिविल इंजीनियर बनना चाहते हैं तो इस से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी आपको यहाँ पर इस लेख के माध्यम से मिलेगी। अतः आइये जानते हैं कि सिविल इंजीनियर कैसे बनें।

सिविल इंजीनियर का क्या काम होता है

सिविल इंजीनियर मुख्यतः निम्नलिखित आवासीय और वाणिज्यिक ढांचों, इमारतों, भवनों आदि के निर्माण की योजना, डिजाइन और पर्यवेक्षण का कार्य करते हैं:-

  • आवासीय मकान / घर/ फ्लैट आदि।
  • वाणिज्यिक परिसर।
  • दफ़्तर, कार्यालय आदि।
  • शोरूम, दुकान आदि
  • हवाई अड्डे।
  • जलापूर्ति परिसर।
  • बांध, सुरंग आदि।

सिविल इंजीनियर बनने की योग्यता क्या है

भारत में सिविल इंजीनियर बनने के लिए अभ्यर्थी दसवीं कक्षा के बाद किसी पॉलिटेक्निक संस्थान से सिविल इंजीनियरिंग का 3-वर्षीय डिप्लोमा या बारहवीं कक्षा के बाद सिविल इंजीनियरिंग में 4-वर्षीय B.Tech डिग्री में प्रवेश ले सकते हैं और सम्बंधित कोर्स उत्तीर्ण करने के उपरांत सिविल इंजीनियर के रूप में नौकरी / कार्य कर सकते हैं। भारत में 4-वर्षीय B.Tech कोर्स में प्रवेश JEE प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किया जाता है। JEE प्रवेश परीक्षा, इस परीक्षा की तैयारी और इसके लिए आवेदन करने की योग्यता आदि से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए आप “JEE की तैयारी कैसे करें” पढ़ सकते हैं। पॉलिटेक्निक संस्थानों और उनमें प्रवेश/ विभिन्न कोर्सों की जानकारी के लिए आप “पॉलिटेक्निक क्या है और पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कैसे करें” पढ़ सकते हैं।

सिविल इंजीनियर कैसे बनें

जैसा कि हमने ऊपर बताया, भारत में सिविल इंजीनियर बनने के लिए अभ्यर्थी 10वीं कक्षा के बाद पॉलिटेक्निक संस्थान से सिविल इंजीनियरिंग में 3-वर्षीय डिप्लोमा करके या 12वीं कक्षा के बाद 4-वर्षीय B.Tech कोर्स करके सिविल इंजीनियर के रूप में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। 4-वर्षीय B.Tech (सिविल इंजीनियरिंग) कोर्स में प्रवेश पाने के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित विषयों सहित न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र आवेदन कर सकते हैं। भारत के किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग के बी.टेक कोर्स में एडमिशन प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों को JEE प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है।

B.Tech (सिविल इंजीनियरिंग) कोर्स के लिए भारत के टॉप कॉलेज

भारत में सिविल इंजीनियरिंग में 4-वर्षीय B.Tech डिग्री कोर्स करने के लिए कुछ श्रेष्ठ (Top) इंजीनियरिंग संस्थान निम्नलिखित हैं:-

  • IIT, मुंबई
  • IIT, चेन्नई
  • IIT, दिल्ली
  • IIT, खड़गपुर
  • वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (VIT), वेल्लोर
  • दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU), दिल्ली
  • सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (SVP NIT), सूरत
  • मोतीलाल नेहरू नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (MNNIT), प्रयागराज
  • पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC), चंडीगढ़
  • नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (NIT), तिरुचिरापल्ली; आदि।

सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के बाद करियर विकल्प

सिविल इंजीनियरिंग कोर्स (B.Tech / डिप्लोमा) करने बाद अभ्यर्थी भारत में निम्नलिखित करियर विकल्पों को चुन सकते हैं:-

B.Tech डिग्री के बाद

  • I.E.S. परीक्षा के माध्यम से केंद्र सरकारी विभागों में अधिशाषी अभियंता (एग्जीक्यूटिव इंजीनियर)
  • केंद्र/ राज्य सरकारी विभागों में सहायक अभियंता (असिस्टेंट इंजीनियर)
  • निजी / प्राइवेट निर्माण कंपनियों में इंजीनियर
  • नगर निगम / नगर पालिका आदि में सहायक अभियंता (असिस्टेंट इंजीनियर)
  • दिल्ली मेट्रो रेल विभाग में इंजीनियर
  • उच्च शिक्षा (M.Tech); आदि।

इंजीनियरिंग डिप्लोमा के बाद

  • केंद्र/ राज्य सरकारी विभागों में जूनियर इंजीनियर (SSC JE परीक्षा के माध्यम से)
  • दिल्ली मेट्रो रेल विभाग में जूनियर इंजीनियर
  • नगर निगम / नगर पालिका आदि में जूनियर इंजीनियर
  • निजी / प्राइवेट निर्माण कंपनियों में जूनियर इंजीनियर
  • B.Tech डिग्री कोर्स आदि

सिविल इंजीनियर की सैलरी

जहाँ तक निजी/ प्राइवेट कंपनियों में सिविल इंजीनियर की सैलरी का सवाल है तो यह सम्बंधित कंपनी और इंजीनियर के अनुभव आदि पर निर्भर होता है। शुरुआत में एक सिविल इंजीनियर को 20000/- रूपये से लेकर 30000/- रूपये प्रति माह तक का वेतन प्राप्त हो सकता है।

यदि आपकी नियुक्ति केंद्र सरकार या राज्य सरकार के किसी विभाग में सिविल इंजीनियर के पद पर हो जाता है तो भारत के अधिकतर राज्यों में उनको शुरुआत में निम्नलिखित अनुमानित वेतन प्राप्त होता है:-

पदयोग्यता शुरुआती मासिक वेतन (रु०)
जूनियर इंजीनियर सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा 35400/- + सभी देय भत्ते
असिस्टेंट इंजीनियर B.Tech (सिविल इंजीनियरिंग) 53100/- + सभी देय भत्ते
एग्जीक्यूटिव इंजीनियरB.Tech (सिविल इंजीनियरिंग) 56100/- + सभी देय भत्ते

निष्कर्ष

यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको सिविल इंजीनियर बनने से सम्बंधित विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई हैं, जैसे कि सिविल इंजीनियर का क्या काम होता है, सिविल इंजीनियर बनने की योग्यता क्या है, सिविल इंजीनियर कैसे बनें, सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए भारत के टॉप कॉलेज, सिविल इंजीनियर की सैलरी, आदि। यदि आप भी भारत में एक सिविल इंजीनियर बनना चाहते हैं तो आप इस जानकारी का लाभ उठा कर अपनी योग्यतानुसार भारत में सिविल इंजीनियर बन सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!