SSC CGL Jobs Departments descriptions in detail

SSC CGL परीक्षा, भारत में केंद्र सरकार के अधीन विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में विभिन्न ग्रुप-बी और ग्रुप-सी पदों पर अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा है। यह परीक्षा केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग (Staff Selection Commission) द्वारा लगभग प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाती है, जिसके लिए प्रत्येक वर्ष लाखों अभ्यर्थी आवेदन करते हैं। CGL परीक्षा की फुल-फॉर्म “कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल परीक्षा” होती है और इसके अधिकतर पदों के लिए किसी भी विषय से ग्रेजुएट अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। यहाँ पर इस लेख में हम आपको SSC CGL परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति देने वाले लगभग सभी विभागों, सम्बंधित पदों और जॉब विकल्पों के सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे और उनके बारे में जानेंगे। अतः आइये SSC CGL के सभी पद, विभाग और जॉब विकल्पों की विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।

इस लेख में हम SSC CGL परीक्षा और उसके पाठ्यक्रम, पैटर्न, योग्यता, वेतन, तैयारी आदि से सम्बंधित कोई जानकारी नहीं देंगे और यदि आपको ऐसी कोई जानकारी प्राप्त करनी है तो आप हमारे लेख “SSC CGL परीक्षा क्या है“, “SSC CGL परीक्षा की तैयारी कैसे करें” और “SSC CGL परीक्षा का syllabus और pattern क्या है” पढ़ सकते हैं। यह लेख हमारे पाठकों के लिए SSC CGL परीक्षा के माध्यम से चयनित होने के उपरान्त सम्बंधित विभागों, पदों, जॉब विकल्पों आदि का सम्पूर्ण और विशिष्ट विवरण देने के लिए तैयार किया गया है।

Table of Contents

SSC CGL के माध्यम से कौन से विभागों/ पदों पर नियुक्ति की जाती है

SSC CGL परीक्षा के माध्यम से किसी भी विषय से ग्रेजुएट (स्नातक) अभ्यर्थी मुख्यतः निम्नलिखित विभागों / पदों पर नियुक्त हो सकते हैं:-

पद विभाग
इंस्पेक्टर इनकम टैक्स / सेंट्रल एक्साइज (सेंट्रल GST) / कस्टम / नार्कोटिक्स / डाक विभाग
सहायक सेक्शन अधिकारी (असिस्टेंट सेक्शन ऑफ़िसर) केंद्रीय सचिवालय / इंटेलिजेंस ब्यूरो / रेल मंत्रालय / विदेश मंत्रालय / सेना मुख्यालय
सहायक अन्य मंत्रालय एवं कुछ अन्य विभाग
असिस्टेंट एनफोर्समेंट ऑफ़िसर प्रवर्तन निदेशालय (एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट)
सब-इंस्पेक्टर सी.बी.आई.
टैक्स असिस्टेंट कस्टम/ सेंट्रल एक्साइज (GST) / इनकम टैक्स विभाग
अकाउंटेंट / ऑडिटर भारतीय ऑडिट एवं एकाउंट्स विभाग

SSC CGL के विभागों/ पदों के आधिकारिक कर्तव्य और कार्यों की प्रकृति (Official Duties and Nature of Work of Departments and Posts of SSC CGL)

SSC CGL परीक्षा के माध्यम से किसी एक विभाग में चयनित होने के बाद सम्बंधित अभ्यर्थी को उस विभाग में ही सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) तक नौकरी करनी होती है। एक बार चयनित होने के बाद इसमें एक विभाग से दूसरे विभाग में स्थायी स्थानांतरण का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं होता है। हालाँकि, केवल SSC CGL परीक्षा के माध्यम से ही नहीं, बल्कि किसी भी सरकारी नौकरी में विभाग स्थानांतरण का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं होता है। अतः अनेक विभाग और पदों की उपलब्धता को देखते हुए SSC CGL परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को मांगे जाने पर विभाग और पद की पसंद अत्यंत ध्यानपूर्वक देनी चाहिए।

यहाँ पर हम आपको SSC CGL परीक्षा के माध्यम से नियुक्त होने वाले विभिन्न विभागों और पदों के आधिकारिक कर्तव्य और कार्य की प्रकृति / कार्यशैली आदि के बारे में एक-एक करके संक्षिप्त में बताएँगे, जिस से आप इस परीक्षा के चरणों के दौरान विभागों/ पदों के विकल्पों का क्रम आसानी से चुन सकें:-

इंस्पेक्टर (इनकम टैक्स)

SSC CGL परीक्षा के माध्यम से यदि आपका चयन इनकम टैक्स इंस्पेक्टर के रूप में होता है तो आपको भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन विभिन्न इनकम टैक्स कार्यालयों में नौकरी करनी होगी। भारत में इनकम टैक्स विभाग को लगभग 20 क्षेत्रों (Regions) में बाँटा गया है जिनके आधिकारिक मुखिया (Official Head) इनकम टैक्स विभाग के प्रिंसिपल चीफ़ कमिश्नर या चीफ़ कमिश्नर रैंक के अधिकारी होते हैं। इनकम टैक्स विभाग में इंस्पेक्टर के रूप में चयनित होने के बाद अभ्यर्थी से लिखित रूप में विभिन्न क्षेत्रों (Regions) के क्रम-वार पसंद विकल्प माँगे जाते हैं और SSC CGL परीक्षा की मेरिट और अभ्यर्थी की पसंद के आधार पर उनको सम्बंधित क्षेत्र (Region) में नौकरी के लिए पदस्थापित कर दिया जाता है। इनकम टैक्स विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर अभ्यर्थी की जिस क्षेत्र (Region) में शुरुआती नियुक्ति होती है, वह मुख्यतः उस क्षेत्र में ही लम्बे समय तक नौकरी करता है। इनकम टैक्स विभाग का मुख्य कार्य भारत सरकार के लिए प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) एकत्रित करना होता है और साथ ही नियमानुसार यह जाँच करना भी होता है कि सभी करदाता समय पर अपना उचित कर (Tax) जमा कर रहे हैं या नहीं।

इनकम टैक्स विभाग के इंस्पेक्टर को प्रथम पदोन्नति के बाद अगला पद “इनकम टैक्स ऑफ़िसर (ITO)” का मिलता है। यह पदोन्नति एक विभागीय प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर होती है।अतः एक इनकम टैक्स इंस्पेक्टर इनकम टैक्स एक्ट (आयकर अधिनियम) को करदाताओं पर प्रभावी रूप से लागू कराने में सम्बंधित इनकम टैक्स ऑफ़िसर (ITO) की सहायता करता है। ITO के पद के बाद इनकम टैक्स विभाग में अगली पदोन्नति सहायक आयुक्त (असिस्टेंट कमिश्नर) के पद पर होती है।

इंस्पेक्टर (सेंट्रल एक्साइज़ / केंद्रीय GST)

SSC CGL परीक्षा के माध्यम से यदि अभ्यर्थी का चयन केंद्रीय GST विभाग में इंस्पेक्टर के रूप में होता है तो वह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन केंद्रीय GST कार्यालयों में नौकरी करेगा। केंद्रीय GST विभाग को वर्ष 2017 तक सेंट्रल एक्साइज़ और सर्विस टैक्स विभाग के नाम से जाना जाता था। भारत में केंद्रीय GST विभाग को विभिन्न क्षेत्रों (zones) में बाँटा गया है, जिनके आधिकारिक मुखिया कस्टम एवं केंद्रीय GST विभाग के प्रिंसिपल चीफ़ कमिश्नर या चीफ़ कमिश्नर रैंक के अधिकारी होते हैं। केंद्रीय GST विभाग में इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्त होने वाले अभ्यर्थियों को भी उनकी SSC CGL परीक्षा की मेरिट और पसंद के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों (zones) में पदस्थापित किया जाता है और एक बार किसी zone में नियुक्ति पाने के बाद सम्बंधित इंस्पेक्टर को उस zone में ही नौकरी करनी होती है।

केंद्रीय GST विभाग में इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्ति पाने वाले अभ्यर्थियों को अगली पदोन्नति “GST अधीक्षक (Superintendent)” के पद पर मिलती है और यह पदोन्नति सम्बंधित zone में इंस्पेक्टर की वरिष्ठता के आधार पर होती है। अधीक्षक (Superintendent) के पद के बाद केंद्रीय GST विभाग में अगली पदोन्नति सहायक आयुक्त (असिस्टेंट कमिश्नर) के पद पर होती है।

केंद्रीय GST विभाग मुख्य रूप से भारत के अप्रत्यक्ष-कर (Indirect Tax) के करदाताओं द्वारा भारत सरकार को दिए गए GST की जांच से सम्बंधित कार्य करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि सम्बंधित करदाता ने GST Act (जी.एस.टी. अधिनियम) के नियमों और कानून के अनुसार उचित टैक्स जमा कराया है या नहीं।

इंस्पेक्टर (कस्टम)

भारतीय कस्टम विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त होने वाले अभ्यर्थियों को एग्जामिनर या प्रिवेंटिव ऑफ़िसर कहा जाता है। और प्रथम पदोन्नति के उपरान्त कस्टम विभाग के इंस्पेक्टर को कस्टम अधीक्षक (Customs Superintendent) या Appraiser का पद मिलता है। कस्टम अधीक्षक (Customs Superintendent) या Appraiser के पद के बाद कस्टम विभाग में अगली पदोन्नति सहायक आयुक्त (असिस्टेंट कमिश्नर) के पद पर होती है।

कस्टम विभाग में नियुक्त अभ्यर्थियों की पदस्थापना मात्र उन राज्यों में की जाती है जहाँ पर बंदरगाह होते हैं, जैसे कि महाराष्ट्र, गोवा, तमिल नाडु, केरल, बंगाल, आंध्र प्रदेश आदि और कस्टम विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत अधिकारियों की पदस्थापना और स्थानांतरण उक्त राज्यों के अलावा अन्य राज्यों में नहीं किया जाता है। अतः यदि आप समुद्री तटों पर स्थित राज्यों से सम्बन्ध नहीं रखते हैं और आप कस्टम विभाग में नौकरी करना चाहते हैं तो यह लगभग तय मानिये कि आपको सदैव अपने गृह राज्य से बाहर नौकरी करनी होगी।

उपरोक्त लिखित राज्यों (बंदरगाहों वाले राज्य) के अलावा अन्य राज्यों या zones में सेंट्रल एक्साइज या सेंट्रल GST विभाग में कार्यरत इंस्पेक्टर ही सम्बंधित राज्यों में स्थित कस्टम कार्यालयों में स्थानांतिरत होते हैं और कस्टम विभाग में नौकरी करते हैं। अतः, यदि आप ऐसे किसी zone में सेंट्रल एक्साइज (सेंट्रल GST) विभाग में पदस्थापित किये जाते हैं जहाँ पर कस्टम कार्यालय तो हैं परन्तु वहां पर अलग से कस्टम अधिकारियों (मुख्यतः इंस्पेक्टर) की नियुक्ति नहीं की जाती है तो ऐसे क्षेत्रों में सेंट्रल एक्साइज या सेंट्रल GST विभाग के इंस्पेक्टर ही सम्बंधित कस्टम कार्यालयों में कस्टम इंस्पेक्टर के तौर पर भी कार्य करते हैं।

कस्टम विभाग के अधिकारी मुख्यतः बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर विदेश से आयी वस्तुओं पर लागू आयात शुल्क (Customs Duty) के Customs Act (सीमा शुल्क अधिनियम) के कानून और नियमों के अनुसार उचित भुगतान की जांच करते हैं और सीमा शुल्क अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करते हैं। कस्टम अधिकारियों की तैनाती केवल बंदरगाहों और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर ही नहीं होती है, बल्कि उनकी तैनाती कुछ अन्य कस्टम कार्यालय जैसे कि विदेशी डाकघर (Foreign Post Office), अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (Inland Container Depot), भूमि सीमा शुल्क स्टेशन (Land Customs Station) आदि में भी होती है, जहाँ पर उनका मुख्य कार्य विदेश से आने वाली वस्तुओं पर उचित सीमा शुल्क जमा कराना और विभिन्न प्रतिबंधित और अन्य वस्तुओं की तस्करी को रोकना होता है।

इंस्पेक्टर (नार्कोटिक्स)

SSC CGL परीक्षा के माध्यम से नार्कोटिक्स इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त होने वाले अभ्यर्थियों को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ नार्कोटिक्स (CBN) विभाग में पदस्थापित किया जाता है। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ नार्कोटिक्स (CBN) विभाग के नाम से स्वयं को नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) विभाग के नाम से भ्रमित ना करें। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) विभाग, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन है और इसमें CGL परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति नहीं की जाती है।

SSC CGL परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति देने वाले सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ नार्कोटिक्स (CBN) विभाग का मुख्य कार्य नशीली दवाओं (ड्रग्स) की तस्करी और बिक्री आदि को रोकना होता है। CBN में नार्कोटिक्स इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त अधिकारियों की प्रथम पदोन्नति नार्कोटिक्स अधीक्षक के पद पर होती है और एक नार्कोटिक्स इंस्पेक्टर का स्थानांतरण सम्पूर्ण भारत में किसी भी CBN कार्यालय में हो सकता है।

इंस्पेक्टर ऑफ़ पोस्ट्स (डाक विभाग का निरीक्षक)

यदि एसएससी CGL परीक्षा के माध्यम से किसी अभ्यर्थी की नियुक्ति भारतीय डाक विभाग के इंस्पेक्टर/ निरीक्षक पद पर होती है तो उसको भी CGL परीक्षा और उसकी पसंद के आधार पर किसी एक पोस्टल सर्किल में पदस्थापित किया जाता है और वह पदोन्नति के माध्यम से डाक विभाग का ग्रुप-A अधिकारी बनने तक सम्बंधित सर्किल में ही तैनात रहता है। भारतीय डाक विभाग, भारत सरकार के संचार मंत्रालय के अधीन विभाग है, जिसको विभिन्न सर्कलों में विभाजित किया गया है। डाक विभाग के किसी भी सर्किल के आधिकारिक मुखिया को “मुख्य पोस्टमास्टर जनरल” कहा जाता है। डाक विभाग के अधिकतर सर्किल का क्षेत्र भारत के एक राज्य का क्षेत्र होता है। अतः एसएससी CGL परीक्षा के माध्यम से डाक निरीक्षक बनने वाले अभ्यर्थी एक सर्किल में ही नौकरी करते हैं।

डाक विभाग में इंस्पेक्टर की प्रथम पदोन्नति “सहायक अधीक्षक डाकघर” के पद पर होती है, जिसको अंग्रेजी में “Assistant Superintendent of Posts” कहा जाता है। यह पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर होती है। ‘सहायक अधीक्षक डाकघर’ के पद के बाद डाक विभाग में अगली पदोन्नति ‘अधीक्षक डाकघर (Superintendent of Posts)’ के पद पर होती है।

केंद्रीय सचिवालय में असिस्टेंट सेक्शन ऑफ़िसर

केंद्रीय सचिवालय में असिस्टेंट सेक्शन ऑफ़िसर के पद पर नियुक्त होने वाले अभ्यर्थियों को केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में नौकरी करनी होती है। चूँकि भारत सरकार के सभी मंत्रालय दिल्ली में स्थित हैं, अतः केंद्रीय सचिवालय सेवा (Central Secretariat Service (CSS)) में नियुक्त सभी सहायक सेक्शन अधिकारी (Assistant Section Officer) अपनी सम्पूर्ण नौकरी के दौरान दिल्ली में ही पदस्थापित रहते हैं और उनका स्थानांतरण एक मंत्रालय से किसी दूसरे मंत्रालय तक ही सीमित होता है।

SSC CGL परीक्षा के माध्यम से केंद्रीय सचिवालय में असिस्टेंट सेक्शन ऑफ़िसर के पद पर नियुक्त होने वाले अभ्यर्थियों को प्रथम पदोन्नति के बाद “सेक्शन ऑफ़िसर” का पद प्राप्त होता है। यह पदोन्नति विभागीय प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर होती है। और ‘सेक्शन ऑफ़िसर’ के पद के बाद केंद्रीय सचिवालय में अगली पदोन्नति ‘अवर सचिव (Under Secretary)’ के पद पर की जाती है।

विदेश मंत्रालय में असिस्टेंट सेक्शन ऑफ़िसर

यदि आपकी नियुक्ति विदेश मंत्रालय में असिस्टेंट सेक्शन ऑफ़िसर के पद पर होती है तो आपको सदैव विदेश मंत्रालय में ही नौकरी करनी होती है। विदेश मंत्रालय में असिस्टेंट सेक्शन ऑफ़िसर के पद पर नौकरी करने वाले अधिकारियों का स्थानांतरण समय-समय पर विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास में होता रहता है। परन्तु आपको यह ध्यान में रखना चाहिए कि विदेश में नौकरी करने का तात्पर्य यह नहीं है कि आपका स्थानांतरण किसी विकसित देश के दूतावास में ही होगा। विदेश मंत्रालय के विभिन्न अधिकारियों का स्थानांतरण विकासशील और अविकसित देशों में स्थित भारतीय दूतावासों में भी हो सकता है।

विदेश मंत्रालय में कार्यरत असिस्टेंट सेक्शन ऑफ़िसर को प्रथम पदोन्नति के उपरान्त “सेक्शन ऑफ़िसर” का पद प्राप्त होता है। विदेश मंत्रालय में भी ‘सेक्शन ऑफ़िसर’ के पद के बाद अगली पदोन्नति ‘अवर सचिव (Under Secretary)’ के पद पर की जाती है।

प्रवर्तन निदेशालय में असिस्टेंट एनफोर्समेंट ऑफ़िसर

SSC CGL परीक्षा के माध्यम से यदि अभ्यर्थी प्रवर्तन निदेशालय (एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट) में असिस्टेंट एनफोर्समेंट ऑफ़िसर के पद पर नियुक्त होते हैं तो वह सम्पूर्ण भारत के किसी भी प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में पदस्थापित और स्थानांतरित हो सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय मुख्यतः मनी लॉन्डरिंग (काले धन) से सम्बंधित जांच का कार्य करता है।

प्रवर्तन निदेशालय के असिस्टेंट एनफोर्समेंट ऑफ़िसर की प्रथम पदोन्नति एनफोर्समेंट ऑफ़िसर के पद पर होती है। प्रवर्तन निदेशालय में ‘एनफोर्समेंट ऑफिसर’ के पद के बाद अगली पदोन्नति ‘सहायक निदेशक (असिस्टेंट डायरेक्टर)’ के पद पर की जाती है।

सी.बी.आई. में सब-इंस्पेक्टर

CBI का नाम आप सभी ने निश्चित रूप से सुना ही होगा। सीबीआई की फुल-फॉर्म “सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन” होती है। सीबीआई मुख्यतः भ्रष्टाचार और अन्य अपराधों की जांच का कार्य करती है। सीबीआई, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख जांच एजेंसी है। यदि आपकी नियुक्ति सीबीआई में सब-इंस्पेक्टर के तौर पर होती है तो आपको भारत के किसी भी CBI कार्यालय में पदस्थापित किया जा सकता है।

सीबीआई में उप-निरीक्षक (सब-इंस्पेक्टर) के पद पर तैनात अभ्यर्थी को प्रथम पदोन्नति के बाद निरीक्षक या इंस्पेक्टर का पद मिलता है और दूसरी पदोन्नति के बाद पुलिस उपाधीक्षक (DSP) का पद प्राप्त होता है।

टैक्स असिस्टेंट (कस्टम/ सेंट्रल एक्साइज (GST) / इनकम टैक्स)

SSC CGL परीक्षा के माध्यम से ही कस्टम, सेंट्रल एक्साइज (वर्तमान में GST) और इनकम टैक्स विभाग में टैक्स असिस्टेंट के पद पर नियुक्ति की जाती है। टैक्स असिस्टेंट का पद एक क्लर्क (लिपिक) के समकक्ष पद होता है और इस पद पर नियुक्त अभ्यर्थी को डाक डायरी और प्रेषण, कंप्यूटर टाइपिंग, विभिन्न रिपोर्ट बनाना आदि कार्य करने होते हैं। इन विभागों में नियुक्त इंस्पेक्टर की भांति ही एक टैक्स असिस्टेंट को भी SSC CGL परीक्षा की मेरिट और पसंद के आधार पर भारत के किसी एक क्षेत्र (Zone / Region) में पदस्थापित किया जाता है और उनको सम्बंधित क्षेत्र में ही नौकरी करनी होती है।

उक्त विभागों में टैक्स असिस्टेंट के बाद प्रथम पदोन्नति के उपरान्त अभ्यर्थियों को एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट का पद प्राप्त होता है और एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट के बाद एक और पदोन्नति के उपरान्त अभ्यर्थियों के समक्ष इंस्पेक्टर बनने का विकल्प मौजूद होता है।

भारतीय ऑडिट एवं एकाउंट्स विभाग में ऑडिटर / अकाउंटेंट

भारतीय ऑडिट एवं एकाउंट्स विभाग (CAG) के ऑडिटर का मुख्य कार्य केंद्र/ राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभागों के आय/ व्यय के खातों और अन्य वित्तीय/ महत्वपूर्ण दस्तावेजों का ऑडिट करना होता है। CAG के ऑडिटर विभिन्न स्वायत्त निकायों और संस्थाओं का भी ऑडिट करते हैं और सरकार द्वारा सौंपे गए किसी अन्य संस्था / कार्यालय का ऑडिट भी उनको करना होता है।

यह काम ऑडिटर अकेले नहीं करते हैं बल्कि वह सम्बंधित ऑडिट टीम का हिस्सा होते हैं। यदि आपकी नियुक्ति ऑडिटर के रूप में हो जाती है तो आप एसएससी CGL परीक्षा की मेरिट और अपनी पसंद के आधार पर भारत के विभिन्न CAG कार्यालयों में से किसी एक में पदस्थापित कर दिए जाएंगे और उसके बाद आपको सम्बंधित कार्यालय में ही नौकरी करनी होती है। CAG में ऑडिटर पद प्राप्त करने का एक लाभ यह भी है कि भारत में CAG के कार्यालय अधिकतर राज्यों की राजधानी में ही होते हैं और आपकी पोस्टिंग किसी भी राज्य में हो तो आपको उस राज्य की राजधानी में नौकरी करने को मिलेगी। परन्तु ऑडिटर की नौकरी में यात्राएं अधिक होती हैं और ऑडिट के दौरान ऑडिटर को सम्बंधित CAG कार्यालय के क्षेत्राधिकार में कई ज़िलों / शहरों में कई दिन बिताने हो सकते हैं।

CAG विभाग के ऑडिटर को प्रथम पदोन्नति के बाद सीनियर ऑडिटर का पद प्राप्त होता है और उसके बाद विभागीय प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करके असिस्टेंट ऑडिट ऑफ़िसर (AAO) के पद पर पदोन्नति प्राप्त कर सकते हैं। SSC CGL परीक्षा के माध्यम से भारतीय ऑडिट एवं एकाउंट्स विभाग में ही अकाउंटेंट के पद पर भी नियुक्ति की जाती है।

निष्कर्ष

यहाँ पर हमने आपको SSC CGL के लगभग सभी पद, विभाग और जॉब विकल्पों की विस्तार से जानकारी दी है। आप इस जानकारी का लाभ उठा कर SSC CGL परीक्षा में विभागों और पदों की वरीयता दे सकते हैं। आप हमारी वेबसाइट शिक्षाव्यवसाय.कॉम पर भारत में मौजूद करियर, शिक्षा और रोज़गार के विभिन्न विकल्पों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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