इंजीनियर कैसे बनें

भारत में इंजीनियर बनने का सपना हर साल लाखों छात्र देखते हैं। इस लेख में हम 4 वर्षीय इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स और 3 वर्षीय इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश, प्रवेश परीक्षाएं, कोर्स, नौकरी आदि से सम्बंधित सभी बातों के बारे में जानेंगे। तो आइये जानते हैं कि इंजीनियर कैसे बनें?

दसवीं कक्षा के बाद कौन से विषय चुनें

इंजीनियर बनने के लिये कक्षा 11 और 12 में छात्रों को Non-Medical की पढ़ाई करनी होती है जिसमें छात्र Physics (भौतिक विज्ञान), Chemistry (रसायन शास्त्र) और Maths विषयों का अध्ययन करते हैं । कक्षा 12 के बाद छात्रों को इंजीनियरिंग/ आर्किटेक्चर कोर्स (B.E./ B.Tech और B.Arch/ B.Planning) में प्रवेश पाने के लिये विभिन्न प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी पड़ती हैं जो निम्न्लिखित हैं:-

जे. ई. ई. (JEE) प्रवेश परीक्षा

जे. ई. ई. प्रवेश परीक्षा भारत में 4 वर्षीय इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स और 5 वर्षीय आर्किटेक्चर कोर्स में प्रवेश पाने के लिए मुख्य और सर्वाधिक चर्चित परीक्षा है। इस परीक्षा के माध्यम से  छात्र IIT, NIT और देश के अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश पा सकते हैं। JEE परीक्षा के प्रथम चरण को JEE (Main) परीक्षा कहा जाता है और दूसरे चरण को JEE (Advance) परीक्षा कहा जाता है। JEE (Advance ) परीक्षा के नतीजों के आधार पर छात्र IIT में प्रवेश पाते हैं और IIT के अलावा अन्य इंजीनियरिंग संस्थाओं में प्रवेश JEE (Main) परीक्षा के नतीजों के आधार पर होता है। छात्र अपनी मेरिट और पसंद के अनुसार विभिन्न इंजिनीरिंग संस्थाओं और विभिन्न इंजीनियरिंग कोर्स (कंप्यूटर इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग इत्यादि) में से प्रवेश पाने के  लिए इंजीनियरिंग संस्था और कोर्स का चुनाव कर सकते हैं।

जे. ई. ई. (JEE) प्रवेश परीक्षा का स्वरुप:-

JEE (Main) परीक्षा:- JEE (Main) परीक्षा में 2 परीक्षाएं होती हैं – परीक्षा 1 (पेपर 1) और परीक्षा 2 (पेपर 2)। परीक्षा 1, B.E. या B.Tech कोर्स में प्रवेश के लिए Physics (भौतिक विज्ञान), Chemistry (रसायन विज्ञान) और Maths (गणित) विषयों की 3 घंटे की परीक्षा होती है। परीक्षा 2, B.Arch या B.Planning कोर्स में प्रवेश के लिए Maths (गणित), Aptitude और ड्राइंग/ प्लानिंग विषय की 3 घंटे की परीक्षा होती है। परीक्षा 1 और परीक्षा 2 दोनों में 75- 75 प्रश्न होते हैं और सभी प्रश्न द्विभाषीय होते हैं जो अंग्रेजी और हिंदी भाषा में होते हैं। JEE (Main) प्रवेश परीक्षा में गलत उत्तर देने पर नेगेटिव मार्किंग होती है।

JEE (Advance ) परीक्षा:- JEE (Main) परीक्षा में प्राप्त अंकों के हिसाब से छात्रों को देश की विभिन्न IITs में 4 वर्षीय इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स में प्रवेश पाने के लिए JEE (Advance) परीक्षा देने का मौका प्राप्त होता है। JEE (Advance) परीक्षा में सभी छात्रों के लिए 2 अनिवार्य पेपर होते है। दोनों पेपर में Physics (भौतिक विज्ञान), Chemistry (रसायन विज्ञान) और Maths (गणित) विषयों पर प्रश्न होते हैं जो अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में होते हैं। JEE (Advance ) परीक्षा का स्वरुप प्रति वर्ष अलग होता है और बदलता रहता है।

पाठ्यक्रम (Syllabus)

JEE (Main) और JEE (Advance) दोनों ही परीक्षाओं में कक्षा 11 और 12 के लेवल के भौतिक विज्ञान (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry) और गणित (Maths) विषयों पर प्रश्न पूछे जाते हैं।

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अन्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं

जे. ई. ई. (JEE) प्रवेश परीक्षा के अलावा कुछ राज्य और इंजीनियरिंग संस्थाएँ अपनी अलग प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्रों को विभिन्न इंजीनियरिंग कोर्सों में प्रवेश देते हैं। JEE प्रवेश परीक्षा के अलावा इंजीनियरिंग में प्रवेश पाने के लिए अन्य महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाएं निम्नलिखित हैं :-

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा, बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस प्रवेश परीक्षा, वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा और कुछ राज्यों द्वारा ली जाने वाली राज्य स्तरीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा।

उपरोक्त सभी प्रवेश परीक्षाएँ देने के लिए कक्षा 12 में न्यूनतम प्राप्त अंकों की सीमा तय की जाती है। किसी भी प्रवेश परीक्षा का फार्म भरने के समय छात्र अपनी योग्यता अवश्य जाँचे। 

प्रवेश परीक्षाएं कब आयोजित होती हैं

भारत में विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं अधिकतर अप्रैल-मई माह में आयोजित की जाती हैं और नए प्रविष्ट छात्रों की कक्षाएं लगभग जुलाई माह से प्रारम्भ होती हैं। परन्तु JEE (Main) परीक्षा साल में 2 बार आयोजित की जाती है। पहली JEE (Main) परीक्षा लगभग जनवरी माह में और दूसरी लगभग अप्रैल माह में आयोजित की जाती है। छात्र अपनी  तैयारी और पसंद के हिसाब से जनवरी या अप्रैल में से कोई भी एक JEE  (Main) परीक्षा दे सकते हैं और यदि चाहे तो दोनों ही परीक्षाओं  के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि छात्र जनवरी और अप्रैल माह में दोनों बार JEE (Main) परीक्षा देते हैं तो दोनों परीक्षाओं में से अधिक प्राप्त अंक वाला परीक्षा स्कोर मान्य होगा। JEE (Advance) परीक्षा अधिकतर मई माह में आयोजित की जाती है। JEE (Main) परीक्षा का आयोजन National Testing Agency (NTA) द्वारा किया जाता है और छात्र इस परीक्षा की अधिक जानकारी NTA की वेबसाइट पर प्राप्त कर सकते हैं।

अतः छात्र प्रत्येक वर्ष जनवरी माह से मई माह के बीच होने वाली विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं जिनके आवेदन फॉर्म अग्रिम रूप से लगभग सितम्बर माह से लेकर फरवरी माह के बीच निकलते हैं।  

इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स

जिन छात्रों को 4 वर्षीय डिग्री कोर्स में प्रवेश नहीं मिल पाता है उन छात्रों के लिए 3 वर्षीय इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स एक अच्छा विकल्प है। 3 वर्षीय इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स में छात्र कक्षा 10 के बाद प्रवेश पाने के लिए योग्य हो जाते है अर्थात 3 वर्षीय इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स  में प्रवेश पाने की शैक्षिक योग्यता कक्षा 10 में उत्तीर्ण होना है। कक्षा 10 उत्तीर्ण छात्र सम्बंधित प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होकर पॉलिटेक्निक कॉलेजो में प्रवेश पा सकते है। इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स मूलतः बुनियादी इंजीनियरिंग सिद्धांतों पर आधारित होता है और इस कोर्स को ऐसे डिज़ाइन किया जाता है कि डिप्लोमा कोर्स करने के बाद छात्रों को एक पेशेवर उचित नौकरी मिल सके। 4 वर्षीय इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स की तरह ही इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स भी कंप्यूटर इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग आदि शाखाओं में किया जा सकता है।

इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स करने का एक लाभ यह भी है कि इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री के तहत सीधे इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स के  द्वितीय वर्ष में प्रवेश मिलता है। अतः कक्षा 10 के बाद इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारक छात्र भी कक्षा 12 उत्तीर्ण छात्रों के समकक्ष ही कक्षा 10 के बाद 6 वर्ष में ही इंजीनियरिंग डिग्री पा सकते है। इंजीनियरिंग डिप्लोमा और इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स का पाठ्यक्रम लगभग एक जैसा ही होता है, परन्तु डिग्री कोर्स का लेवल डिप्लोमा कोर्स से थोड़ा कठिन होता है।

नौकरी

इंजीनियरिंग डिग्री या डिप्लोमा धारक निम्नलिखित नौकरियाँ पाने के योग्य होते हैं :-

  1. भारत सरकार के विभाग जैसे कि रेलवे, CPWD, Central Water Commission, रक्षा सेनायें (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) आदि में इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के माध्यम से ग्रुप- A इंजीनियर अधिकारी बन सकते हैं। इसके अलावा इन सभी विभागों और अन्य केंद्र सरकार के विभागों में असिस्टेंट इंजीनियर या जूनियर इंजीनियर के पद पर भी आवेदन कर सकते हैं।
  2. इसके अलावा अभ्यर्थी भारत के सभी राज्यों के सरकारी विभागों में असिस्टेंट इंजीनियर या जूनियर इंजीनियर के पद पर आवेदन कर सकते हैं।
  3. अभ्यर्थियों के पास भारत सरकार और राज्य सरकारों के अधीन Public Sector Undertakings (PSUs) जैसे कि IOCL, NTPC, BHEL, NHAI, AAI आदि में GATE परीक्षा उत्तीर्ण करके आवेदन करने का मौका रहता है।
  4. उपरोक्त संभावनाओं के अलावा अभ्यर्थी किसी निजी (Private) कंपनी में भी इंजीनियर के पद पर कार्य कर सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

यहाँ पर हमने इंजीनियर कैसे बनें से सम्बंधित सभी जानकारियां देने का प्रयास किया है। उपरोक्त लिखित तथ्यों के अनुसार छात्र अपनी आयु और योग्यता के अनुसार उपरोक्त लिखित परीक्षाओं के माध्यम से इंजीनियरिंग डिग्री अथवा डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश पा सकते है और इंजीनियर बनने का अपना सपना साकार कर सकते हैं।  

अधिकतर पूछे गए प्रश्न (Frequently Asked Questions (FAQs))

प्रश्न 1: भारत में इंजीनियर कैसे बनते हैं ?
उत्तर 1. भारत में इंजीनियर बनने के लिए अभ्यर्थी को JEE (Main) और JEE (Advance) परीक्षा के माध्यम से IIT सहित किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज में 4 वर्षीय B.E. / B.Tech कोर्स में admission पा कर इंजीनियर बन सकते हैं।

प्रश्न 2: Software Engineer (सॉफ्टवेयर इंजीनियर) कैसे बनते हैं ?
उत्तर 2. सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए अभ्यर्थियों को JEE परीक्षा के माध्यम से किसी इंजीनियरिंग कॉलेज में Computer Science and Engineering ब्रांच से इंजीनियरिंग करनी होती है।

प्रश्न 3: इंजीनियरिंग किन विषयों में की जा सकती है ?
उत्तर 3. भारत में अनेकों इंजीनियरिंग विषय और शाखाएं हैं। इनमें से कुछ मुख्य इंजीनियरिंग विषय/ ब्रांच हैं- कंप्यूटर इंजीनियरिंग (Computer Engineering), इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (Electronics Engineering), मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering), इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Electrical Engineering), सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering) आदि।

प्रश्न 4: इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स क्या होता है ?
उत्तर 4. इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स 10th class के बाद किये जाने वाला 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स होता है। इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स भी उपरोक्त लिखित इंजीनियरिंग विषयों/ शाखाओं में किया जा सकता है।

 

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