kisan vikas patra (KVP) kya hai

‘किसान विकास पत्र’ या ‘KVP’ भारतीय डाक विभाग की एक निवेश योजना है जिसमें एकमुश्त जमा की गयी धनराशि ब्याज दर के आधार पर कुछ वर्षों में दोगुनी होने का प्रावधान है। यहाँ पर इस लेख में आपको किसान विकास पत्र में निवेश से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी जायेगी। अतः आएये जानते हैं कि किसान विकास पत्र (संक्षिप्त में KVP) क्या है, इसमें कौन और कैसे निवेश कर सकता है और इस से सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

किसान विकास पत्र (KVP) क्या है

‘किसान विकास पत्र’ भारतीय डाक विभाग की एक निवेश योजना है जिसमें निवेश के समय के ब्याज दर के आधार पर एकमुश्त जमा की गयी धनराशि कुछ वर्षों की अवधि में दोगुनी हो जाती है। ‘किसान विकास पत्र’ डाक विभाग द्वारा एकमुश्त जमा धनराशि के बदले जारी किया जाने वाला एक सर्टिफिकेट होता है, जिस पर जमाकर्ता का नाम, निवेश की गयी धनराशि, जारी करने की तिथि, जारी करने वाले डाकघर का नाम, परिपक्वता राशि आदि विवरण होते हैं।

जमाकर्ता या निवेशकर्ता भारत के लगभग सभी डाकघरों से ‘किसान विकास पत्र’ खरीद सकता है। वर्तमान में KVP खरीदने के लिए न्यूनतम निवेश राशि रु.1000/- और अधिकतम निवेश राशि असीमित है।

किसान विकास पत्र (KVP) में कौन निवेश कर सकता है

  • न्यूनतम 18 वर्ष की आयु वाला कोई भी भारतीय नागरिक ‘किसान विकास पत्र’ खरीद सकता है।
  • 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के भारतीय नागरिकों के नाम पर भी ‘किसान विकास पत्र’ खरीदा जा सकता है, परन्तु वह माता-पिता या अभिभावक के द्वारा ही खरीदा जा सकता है।

किसान विकास पत्र कितने प्रकार के होते हैं

भारत में ‘किसान विकास पत्र’ निम्नलिखित प्रकार से खरीदा जा सकता है:

  • एकल धारक पत्र: इस प्रकार का KVP सर्टिफिकेट किसी एक व्यक्ति के नाम पर ही एकल तौर पर होता है। यह एक व्यस्क व्यक्ति या किसी व्यस्क व्यक्ति के माध्यम से किसी अवयस्क व्यक्ति के नाम पर हो सकता है।
  • संयुक्त ‘A’ पत्र (Joint ‘A’ सर्टिफिकेट): इस प्रकार के KVP सर्टिफिकेट संयुक्त रूप से दो व्यस्क व्यक्तियों के नाम से होता है और इसकी निकासी दोनों व्यक्तियों की संयुक्त मौजूदगी और हस्ताक्षर से ही की जा सकती है।
  • संयुक्त ‘B’ पत्र (Joint ‘B’ सर्टिफिकेट): इस प्रकार के KVP सर्टिफिकेट संयुक्त रूप से दो व्यस्क व्यक्तियों के नाम से होता है और इसकी निकासी दोनों में से किसी एक व्यक्ति की मौजूदगी या हस्ताक्षर से की जा सकती है।

किसान विकास पत्र की परिपक्वता राशि कितनी होती है

‘किसान विकास पत्र’ की परिपक्वता राशि सदैव निवेश राशि से दोगुनी होती है। उदाहरण के तौर पर यदि आपने ‘किसान विकास पत्र’ खरीदने के लिए 1000/- रूपये निवेश किये हैं तो आपको परिपक्वता अवधि समाप्त होने पर कुल 2000/- रूपये की धनराशि प्राप्त होगी।

वर्तमान ब्याज दर के आधार पर जमा की गयी धनराशि की परिपक्वता अवधि 10 वर्ष और 4 महीने का है।

किसान विकास पत्र की परिपक्वता पर इनकम टैक्स (आयकर)

‘किसान विकास पत्र’ की परिपक्वता धनराशि पर कोई आयकर छूट लागू नहीं होती है और इसकी परिपक्वता धनराशि पर नियमानुसार आयकर (इनकम टैक्स) देय होता है।

KVP से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें

KVP अर्थात ‘किसान विकास पत्र’ से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां निम्नलिखित हैं:

ऋण सुविधा

सुरक्षित ऋण प्राप्त करने के लिए आप अपने ‘किसान विकास पत्र’ को सुरक्षा के रूप में उपयोग कर सकते हैं। ऐसे ऋणों के लिए ब्याज दर तुलनात्मक रूप से कम होती है।

नामांकन सुविधा

‘किसान विकास पत्र’ धारक व्यक्ति अपनी निवेशित धनराशि के लिए किसी अन्य व्यक्ति को नामांकित करने के लिए अधिकृति है और वह ‘किसान विकास पत्र’ खरीदते समय या बाद में भी सम्बंधित डाकघर में निवेशित धनराशि के लिए नामंकन करा सकता है।

परिपक्वता अवधि से पहले निकासी

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि ‘किसान विकास पत्र’ की वर्तमान परिपक्वता अवधि 10 वर्ष और 4 महीने (कुल 124 महीने) की है, परन्तु आवश्यकतानुसार निवेश के 30 महीने (ढाई वर्ष) की अवधि के उपरान्त निवेशक अपने ‘किसान विकास पत्र’ को समय से पहले बंद कर सकता है। परन्तु परिपक्वता अवधि से पहले निकासी के मामलों में धनराशि नियमानुसार कम बनती है।

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