NSC kya hai

भारत में धनराशि निवेश करने के अनेक विकल्प मौजूद हैं, जैसे कि सामान्य बचत खाता (सेविंग्स अकाउंट), सावधि जमा खाता (FD), आवर्ती जमा खाता (RD), मासिक आय योजना (MIS स्कीम), किसान विकास पत्र (KVP), पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (PPF) आदि। उपरोक्त लिखित निवेश विकल्पों के अलावा “राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र / National Savings Certificate (NSC)” भी एक बेहतरीन विकल्प है और इस लेख में आपको NSC में निवेश करने से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी। अतः आइये जानते हैं कि NSC क्या है ?

NSC क्या है

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (संक्षिप्त में NSC) 5 वर्ष की अवधि की एक निश्चित आय निवेश योजना है जो भारत के किसी भी डाकघर से खरीदा जा सकता है। यह योजना भारत सरकार की एक पहल है जिसके माध्यम से निवेशकर्ता न्यूनतम 1000/- रूपये से लेकर अधिकतम असीमित रूपये निवेश कर सकता है। NSC में निवेश जमाकर्ता को आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.50 लाख रूपये तक की छूट प्रदान करता है, अतः यह आयकरदाताओं और माध्यम वर्ग के व्यक्तियों के लिए एक बेहतरीन निवेश स्कीम है।

NSC की फुल फॉर्म “National Savings Certificate” होती है और इसको हिंदी में “राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र” कहते हैं।

NSC सर्टिफिकेट कहाँ से खरीदें

NSC सर्टिफिकेट भारत के किसी भी मुख्य डाकघर (Head Post Office) या उप डाकघर (Sub Post Office) से खरीदा जा सकता है।

NSC सर्टिफिकेट कौन खरीद सकता है

भारत के डाकघरों से NSC सर्टिफिकेट निम्नलिखित खरीद सकते हैं:-

  • कोई भी व्यस्क भारतीय नागरिक।
  • दो व्यस्क भारतीय नागरिक संयुक्त रूप से।
  • अवयस्क भारतीय नागरिक (माता-पिता या कानूनी अभिभावक के माध्यम से)

नोट: NSC सर्टिफिकेट HUF या प्रवासी भारतीय (NRI) या ट्रस्ट नहीं खरीद सकते हैं।

NSC में कितनी धनराशि निवेश कर सकते हैं

NSC में निवेश करने के लिए न्यूनतम सीमा 1000/- रूपये और अधिकतम कोई सीमा नहीं है।

NSC सर्टिफिकेट की परिपक्वता अवधि (Maturity Period)

NSC सर्टिफिकेट की परिपक्वता अवधि (Maturity Period) 5 वर्ष की होती है और एक बार NSC में निवेश करने के बाद साधारण परिस्थितियों में 5 वर्षों से पहले इसकी निकासी नहीं की जा सकती है।

परन्तु कुछ विशिष्ट परिस्थितियों जैसे कि निवेशकर्ता की मृत्यु या किसी न्यायालय के आदेश पर NSC में जमा धनराशि की निकासी 5 वर्ष से पहले हो सकती है।

NSC पर ब्याज दर (Interest Rate)

भारत की सभी निवेश योजनाओं की तरह ही NSC का ब्याज दर भी समय-समय पर परिवर्तित होता रहता है। परन्तु NSC पर देय ब्याज दर सदैव ही बचत खातों (सेविंग्स अकाउंट) से कहीं अधिक होता है।

NSC पर आयकर (Income Tax) नियम

  • NSC पर मिलने वाले ब्याज पर प्राप्तकर्ता को नियमानुसार इनकम टैक्स देना होता है।
  • NSC में जमा अधिकतम 1.50 हजार रूपये की धनराशि आयकर अधिनियम 80C के तहत आयकर से छूट प्राप्त होती है।

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