इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने की इच्छा रखने वाले अभ्यर्थियों के समक्ष इंजीनियरिंग कोर्स में प्रवेश पाने के 2 मुख्य विकल्प होते हैं – 4 वर्षीय इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स (B.E./ B.Tech) या 3 वर्षीय इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स। यहाँ पर हम 3 वर्षीय इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स के बारे में चर्चा करेंगे और इस कोर्स से सम्बंधित सभी बातों को जानने की कोशिश करेंगे। कोई भी 3 वर्षीय इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स पॉलिटेक्निक (Polytechnic) कॉलेजों में किया जाता है। अतः यह जानने के लिए कि Polytechnic क्या है और Polytechnic से Diploma कैसे करें; आपको यह लेख अंत तक पढ़ना होगा।
भारत के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में अनेकों Polytechnic कॉलेज होते हैं जहाँ पर 10वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश पा सकते हैं। यहाँ पर आगे हम पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स क्या होता है, इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स किन इंजीनियरिंग शाखाओं में किया जा सकता है, इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश कैसे मिलता है, इस कोर्स की फ़ीस कितनी होती है, Polytechnic डिप्लोमा कोर्स करने के क्या फायदे होते हैं और इसके बाद क्या नौकरी की जा सकती है आदि से सम्बंधित सभी जानकारियां प्राप्त करेंगे।
Table of Contents
Polytechnic Diploma कोर्स क्या होता है
यह कोर्स किसी इंजीनियरिंग या कुछ गैर-इंजीनियरिंग शाखाओं में किसी Polytechnic कॉलेज में किये जाने वाला 3 वर्षीय Diploma कोर्स है।
Engineering Diploma कोर्स के मुख्य विषय
भारत में किसी भी Polytechnic से 3 वर्षीय Engineering Diploma कोर्स मुख्यतः निम्नलिखित इंजीनियरिंग शाखाओं में किया जा सकता है :
- कंप्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स;
- इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन डिप्लोमा कोर्स;
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स;
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स;
- सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स;
- प्रोडक्शन इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स;
- इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स;
- ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स; आदि
Polytechnic Diploma कोर्स में प्रवेश पाने की योग्यता/ प्रक्रिया
भारत के विभिन्न राज्यों में पॉलिटेक्निक कॉलेजों में इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स में 2 प्रकार से प्रवेश दिया जाता है – प्रवेश परीक्षा (Entrance Test) के आधार पर या मेरिट के आधार पर। अधिकतर राज्यों में प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश दिया जाता है।
आवेदन करने की योग्यता
भारत के अधिकांश राज्यों में साइंस (विज्ञान) और मैथ्स (गणित) विषयों सहित 10वीं कक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी उक्त प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रत्येक राज्य में प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करने हेतू अभ्यर्थियों की 10वीं या 12वीं कक्षा में कुछ न्यूनतम अंक प्रतिशत भी निर्धारित की जाती है।
प्रवेश परीक्षा का स्वरुप
भारत के विभिन्न राज्यों में प्रवेश परीक्षा का पैटर्न और समयावधि अलग-अलग होते हैं। परन्तु लगभग सभी राज्यों में प्रवेश परीक्षा में साइंस (विज्ञान) और मैथ्स (गणित) विषयों पर 10वीं कक्षा के स्तर के बहुवैकल्पिक प्रश्न पूछे जाते हैं। कुछ राज्यों में साइंस और गणित विषयों के अलावा अंग्रेजी विषय के भी प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
भारत के कुछ राज्यों की Polytechnic प्रवेश परीक्षाएं
भारत के कुछ राज्यों द्वारा आयोजित की जाने वाली पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षाएं निम्नलिखित हैं :
- दिल्ली के लिए Delhi CEET
- उत्तर प्रदेश के लिए JEECUP
- बिहार के लिए BCECE
- झारखण्ड के लिए Jharkhand PECE
- उत्तराखंड के लिए UBTE JEEP
- मध्य प्रदेश के लिए MP PPT
- राजस्थान में मेरिट के आधार पर प्रवेश मिलता है
- हिमाचल प्रदेश के लिए HP PAT; आदि
लेटरल एंट्री के तहत प्रवेश
उपरोक्त लिखित विकल्पों के अलावा ITI उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के पास लेटरल एंट्री के माध्यम से किसी भी पॉलिटेक्निक में 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के सीधा 2nd year या दूसरे साल में प्रवेश पाने का विकल्प भी मौजूद रहता है।
3 वर्षीय पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स की फ़ीस
इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स की फ़ीस भी विभिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न होती है और यह इस बात पर भी निर्भर कर सकती है कि आपको किसी सरकारी पॉलिटेक्निक में प्रवेश मिला है या किसी प्राइवेट/ निजी पॉलिटेक्निक कॉलेज में। परन्तु सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में पूरे कोर्स की फ़ीस विभिन्न राज्यों में 15,000/- रूपये से 1,00,000/- रूपये तक हो सकती है।
Polytechnic Diploma कोर्स करने के फ़ायदे
Polytechnic से 3 वर्षीय Engineering Diploma कोर्स करने के उपरांत छात्र लेटरल एंट्री के तहत इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स (B.E./ B.Tech) के दूसरे वर्ष में प्रवेश पा सकते हैं या किसी सरकारी या निजी विभाग/ कंपनी में जूनियर इंजीनियर के रूप में नौकरी भी कर सकते हैं।
Polytechnic कोर्स के बाद नौकरी
भारत में Polytechnic से डिप्लोमा करने के बाद छात्रों के पास केंद्र सरकार या राज्य सरकार के अनेकों विभागों में जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त होने का विकल्प रहता है। केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में जूनियर इंजीनियर के पद पर नौकरी पाने के लिए अभ्यर्थी रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली RRB JE परीक्षा और Staff Selection Commission द्वारा आयोजित की जाने वाली SSC Junior Engineer Exam के लिए आवेदन कर सकते हैं। RRB JE परीक्षा के सम्बन्ध में अधिक जानकारी प्राप्त करने हेतू आप हमारा लेख “रेलवे में नौकरी कैसे पाएं” पढ़ सकते हैं।
इन परीक्षाओं के अलावा राज्य सरकार के अनेक विभागों में और कुछ अन्य विभाग जैसे कि दिल्ली मेट्रो आदि में भी इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारकों के लिए समय- समय पर नौकरी के लिए विज्ञप्ति निकलती रहती है।
सरकारी नौकरी के अलावा डिप्लोमा धारकों के लिए निजी या प्राइवेट कंपनियों में भी इंजीनियर के तौर पर नौकरी करने का विकल्प भी मौजूद है।
यह भी पढ़ें: (1). इंजीनियर कैसे बनें ; (2). IES क्या है (इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा)
इंजीनियरिंग डिग्री और डिप्लोमा कोर्स में अंतर
इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स और डिप्लोमा कोर्स में निम्नलिखित मुख्य अंतर होते हैं :
(1). Engineering Degree कोर्स 4 वर्ष की अवधि का होता है और Engineering Diploma कोर्स 3 वर्ष की अवधि का होता है।
(2). Engineering Degree कोर्स में Physics, Chemistry और Maths विषयों से 12th class उत्तीर्ण छात्र प्रवेश पा सकते हैं और Engineering Diploma कोर्स में साइंस और मैथ्स विषयों सहित 10वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र प्रवेश पा सकते हैं।
(3). Engineering Degree और Engineering Diploma दोनों कोर्सों में पढ़ाये जाने वाले विषय और उनका syllabus (पाठ्यक्रम) लगभग समान होता है, परन्तु Engineering Degree कोर्स का कठिनाई स्तर कुछ अधिक होता है।
निष्कर्ष
हम उम्मीद करते हैं कि उपरोक्त लिखित जानकारी के माध्यम से आपको Polytechnic क्या है और Polytechnic से Diploma कैसे करें आदि से सम्बंधित सभी बातों के बारे में पता लगा होगा। और यह जानकारी आपको Polytechnic Diploma कोर्स में प्रवेश पाने और उसके बाद एक अच्छा भविष्य बनाने में सहयोग करेगी।
bihar sa engering diploma karay ya other state sa