tailor kaise bane

भारत में Tailor या दर्जी के पास अपने कपड़ों की सिलाई और माप में बदलाव आदि कराने लगभग प्रत्येक व्यक्ति जाता होगा। अतः टेलर (Tailor) के कार्यों से सम्बंधित जानकारी लगभग प्रत्येक व्यक्ति को होती है। Tailor (दर्जी) वह व्यक्ति होता है जो ग्राहकों के कपड़ों की सिलाई और उनके माप में बदलाव आदि करता है। इसके अलावा एक विशिष्ट दर्जी नवीनतम फैशन डिज़ाइनों के अनुसार वस्त्रों पर आवश्यकतानुसार कढ़ाई, बुनाई आदि भी करते हैं। यदि आप भी एक Tailor (दर्जी) बनना चाहते हैं तो आपको इस से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी यहाँ पर मिलेगी। अतः आइये जानते हैं कि Tailor (दर्जी) कैसे बनें ?

Tailor (टेलर) क्या होता है

Tailor या दर्जी वह पेशेवर व्यक्ति होते हैं जो अपनी जीविका के लिए पसंद किये गए डिज़ाइन के अनुसार ग्राहकों को कपड़े सिलाई करके देता है। इसके अलावा एक दर्जी अपने ग्राहकों की आवश्यकतानुसार उनके कपड़ों के माप में बदलाव, कपड़ों पर कढ़ाई, बुनाई आदि भी करते हैं। अतः टेलर का कार्य एक पूर्णकालिक पेशा है जो अभ्यर्थी अपने करियर के रूप में चुन सकते हैं।

Tailor (दर्जी) क्या काम करता है

Tailor या दर्जी मुख्यतः निम्नलिखित काम करते हैं:-

  • नए कपड़ों की सिलाई।
  • पुराने कपड़ों के माप में बदलाव।
  • नवीनतम डिज़ाइन और फैशन के अनुसार कपड़े सीलना।
  • आवश्यकता के अनुसार कपड़ों पर कढ़ाई, बुनाई आदि।

Tailor बनने की योग्यता क्या है

टेलर या दर्जी का काम एक कौशल प्रधान काम है। अतः इसके लिए किसी विशेष पढ़ाई- लिखाई की आवश्यकता नहीं होती है। भारत में टेलर (दर्जी) के कार्यों को आप किसी भी निजी सिलाई केंद्र से सीख सकते हैं। परन्तु इसके लिए कुछ छोटे सर्टिफिकेट/ डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध हैं जो भारत के लगभग सभी राज्यों के विभिन्न आई.टी.आई. (I.T.I.) या पॉलिटेक्निक या व्यावसायिक संस्थानों (Vocational Institutes) से किये जा सकते हैं। यदि आप इन संस्थानों से टेलरिंग (सिलाई) का कोर्स करना चाहते हैं तो विभिन्न राज्यों में इन संस्थानों में टेलरिंग कोर्स में प्रवेश पाने की योग्यता 8वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक होती है और यह प्रत्येक राज्य में भिन्न-भिन्न हो सकती है।

टेलर कैसे बनें

भारत में Tailor (दर्जी) बनने के लिए और टेलरिंग (सिलाई) का काम सीखने के लिए अभ्यर्थी निम्नलिखित में से कोई भी एक या दोनों विकल्प चुन सकते हैं:-

  • किसी सिलाई केंद्र से सिलाई, कढ़ाई, बुनाई आदि सीखना।
  • आईटीआई / पॉलिटेक्निक संस्थान से टेलरिंग का सर्टिफिकेट / डिप्लोमा कोर्स करना।

भारत में टेलर बनने के लिए अभ्यर्थियों के पास आईटीआई / पॉलिटेक्निक / व्यावसायिक संस्थानों से निम्नलिखित डिप्लोमा/ सर्टिफिकेट कोर्स करने के विकल्प मौजूद हैं:-

  • आईटीआई से 1 या 2 वर्षीय टेलरिंग सर्टिफिकेट कोर्स।
  • पॉलिटेक्निक / व्यावसायिक संस्थानों से “टेलरिंग एंड फैशन डिज़ाइनिंग” में 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स।
  • “टेलरिंग एंड ड्रेसमेकिंग” में डिप्लोमा/ सर्टिफिकेट कोर्स।
  • “टेलरिंग एंड क्लॉथ डिज़ाइन” में डिप्लोमा / सर्टिफिकेट कोर्स।
  • “कटिंग एंड टेलरिंग” में सर्टिफिकेट कोर्स; आदि।

उपरोक्त कोर्सों के अलावा होम साइंस विषय के विभिन्न कोर्सों में भी टेलरिंग से सम्बंधित सिलाई, कढ़ाई आदि का कोर्स कराया जाता है। होम साइंस के ग्रेजुएशन कोर्स से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप “B.Sc (होम साइंस) क्या है और B.Sc (होम साइंस) कोर्स कैसे करें” पढ़ सकते हैं।

भारत में Tailor (दर्जी) के लिए करियर विकल्प

भारत में एक Tailor (दर्जी) के समक्ष निम्नलिखित करियर विकल्प मौजूद होते हैं:-

  • फैशन इंडस्ट्री में नौकरी करना।
  • किसी कपड़ा निर्माण फैक्ट्री में नौकरी करना।
  • अपनी दर्जी की दुकान खोलना।
  • किसी सिलाई केंद्र में नौकरी करना।
  • अपना सिलाई केंद्र खोलना।
  • उचित शैक्षिक योग्यता होने पर आईटीआई संस्थानों में टेलरिंग इंस्ट्रक्टर बनना।
  • सिलाई, कढ़ाई, बुनाई आदि क्षेत्र में कार्यरत किसी कंपनी में नौकरी करना।
  • भारतीय रक्षा सेनाओं और अन्य सरकारी विभागों में दर्जी के रूप में नौकरी करना; आदि।

Tailor की सैलरी कितनी होती है

यदि आप किसी निजी कंपनी, फैक्ट्री, सिलाई केंद्र आदि में टेलर (दर्जी) के रूप में नौकरी करते हैं तो आपका शुरुआती वेतन 10 हजार रूपये प्रति माह से लेकर 15 हजार रूपये प्रति माह तक हो सकता है, जो समय और अनुभव के साथ-साथ बढ़ता रहता है।

यदि आप उचित शैक्षिक योग्यता प्राप्त करके किसी सरकारी आईटीआई संस्थान में टेलरिंग इंस्ट्रक्टर के रूप में नियुक्त हो जाते हैं तो आपको सरकारी मानकों के अनुसार शुरआती मूल वेतन (Basic Pay) 29200/- रूपये या 35400/- रूपये हो सकता है और यह सम्बंधित राज्य सरकार के वेतनमान पर निर्भर करता है। उक्त मूल वेतन के साथ आपको सम्बंधित राज्य सरकार के वेतन सम्बंधित मानकों के अनुसार अन्य सभी देय भत्ते भी दिए जाते हैं।

उपरोक्त के अलावा यदि आप दर्जी के रूप में अपनी दुकान या अपना सिलाई केंद्र खोलते हैं तो उसमें आपका वेतन या आपकी कमाई आपके ग्राहकों की संख्या और आपके सिलाई की दर पर निर्भर करती है।

यह भी पढ़ें:

  1. प्लम्बर (Plumber) कैसे बनें?
  2. कार्पेंटर (Carpenter) कैसे बनें?

निष्कर्ष

यहाँ पर इस लेख के माध्यम से हमने आपको ‘Tailor (दर्जी) कैसे बनें’ से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं, जैसे कि Tailor (टेलर) क्या होता है, Tailor (दर्जी) क्या काम करता है, Tailor बनने की योग्यता क्या है, Tailor (दर्जी) कैसे बनें, भारत में Tailor (दर्जी) के लिए करियर विकल्प, Tailor की सैलरी कितनी होती है, आदि। अतः, यदि आप एक टेलर के रूप में अपना करियर विकल्प चुनना चाहते हैं तो आप इस जानकारी का लाभ उठा कर टेलर बनने का अपना सपना पूरा कर सकते हैं।

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