‘डेंटिस्ट (Dentist)’ या ‘दंत-चिकित्सक’ या ‘दांतों के डॉक्टर’ वह पेशेवर चिकित्सक (Doctor) होते हैं जो पीड़ित व्यक्तियों के मुंह, दांत, मसूड़ों और मौखिक गुहा के अन्य नरम और कठोर ऊतकों को पीड़ित करने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करते हैं। दंत-चिकित्सक या दांतों का डॉक्टर नाम से आपको यह भ्रम उत्पन्न हो सकता है कि डेंटिस्ट (Dentist) बनने के लिए भी MBBS कोर्स करना होता है; परन्तु यह सत्य नहीं है। डेंटिस्ट बनने के लिए अभ्यर्थियों को BDS (बैचलर ऑफ़ डेंटल सर्जरी) नामक कोर्स करना होता है, जो विभिन्न मेड़िकल / डेंटल संस्थानों से किया जा सकता है। यहाँ पर इस लेख में आपको डेंटिस्ट बनने से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होंगी। अतः आइये जानते हैं कि डेंटिस्ट कैसे बनें ?
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डेंटिस्ट कौन होता है
डेंटिस्ट (Dentist) एक विशिष्ट चिकित्सक (डॉक्टर) होता है जो पीड़ित व्यक्तियों के दांत, मसूड़ों और मौखिक गुहा के अन्य नरम और कठोर ऊतकों को पीड़ित करने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करता है।
Dentist को हिंदी में दन्त-चिकित्सक या दांतों का डॉक्टर भी कहा जाता है।
डेंटिस्ट बनने के लिए योग्यता क्या है
डेंटिस्ट या दन्त-चिकित्सक बनने के लिए अभ्यर्थियों को 12th के बाद BDS (बैचलर ऑफ़ डेंटल सर्जरी) कोर्स करना होता है। यह कोर्स किसी भी डेंटल कॉलेज से किया जा सकता है। भारत के अधिकांश मेड़िकल संस्थानों में डेंटल संस्थान भी होते हैं और उनमें MBBS कोर्स के साथ BDS कोर्स भी कराया जाता है।
BDS कोर्स में प्रवेश पाने के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और अंग्रेजी विषयों सहित 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र ही आवेदन कर सकते हैं।
डेंटिस्ट कैसे बनें
भारत में डेंटिस्ट बनने के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और अंग्रेजी विषयों सहित 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र NEET प्रवेश परीक्षा के माध्यम से भारत के विभिन्न डेंटल शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पा सकते हैं। अतः डेंटिस्ट बनने के लिए अभ्यर्थियों को सर्वप्रथम 12वीं कक्षा के बाद पाँच वर्षीय BDS कोर्स में प्रवेश लेना होता है और BDS कोर्स सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के उपरांत अभ्यर्थी नियमानुसार अन्य औपचारिकताएं (डेंटल कौंसिल ऑफ़ इंडिया में पंजीकरण आदि) पूर्ण करने के बाद डेंटिस्ट के रूप में कार्य कर सकते हैं।
डेंटिस्ट के समक्ष करियर विकल्प
भारत में BDS कोर्स उत्तीर्ण करने के उपरांत एक डेंटिस्ट के समक्ष निम्नलिखित विकल्प उपलब्ध होते हैं:-
- दन्त-चिकित्सक के रूप में किसी सरकारी / निजी अस्पताल में नौकरी करना।
- अपना स्वयं का डेंटल क्लिनिक या अस्पताल खोलना।
- दन्त-चिकित्सा के क्षेत्र में स्नातकोत्तर (MDS) कोर्स करना।
- MDS कोर्स करने के बाद किसी डेंटल कॉलेज में शिक्षण कार्य करना; आदि।
डेंटिस्ट की सैलरी कितनी होती है
यदि एक डेंटिस्ट की नियुक्ति किसी सरकारी अस्पताल में स्थायी और नियमित रूप से हो जाती है तो उनको सातवें वेतन आयोग के मानकों के आधार पर शुरुआत में 56100/- रूपये का मूल वेतन और अन्य सभी देय भत्ते मिलते हैं।
यदि कोई डेंटिस्ट किसी निजी अस्पताल में नौकरी प्राप्त करता है या अपना अस्पताल/ क्लिनिक खोलता है तो सम्बंधित डेंटिस्ट की आय मरीजों की संख्या एवं निजी अस्पताल के वेतन नियमों और अन्य कई कारकों पर निर्भर करती है।
निष्कर्ष
यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको डेंटिस्ट बनने से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी हैं। अतः आप इस जानकारी का लाभ उठा कर अपनी योग्यता और इच्छा के अनुसार डेंटिस्ट बनने का अपना सपना पूरा कर सकते हैं। आप हमारी वेबसाइट शिक्षाव्यवसाय.कॉम पर भारत में मौजूद करियर, शिक्षा और रोजगार के विभिन्न विकल्पों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।