इंजीनियरिंग की वह शाखा जिसमें छात्रों को इमारतों, पुलों, सड़कों आदि जैसी संरचनाओं का निर्माण, डिजाइन, योजना और रखरखाव आदि से सम्बंधित विषयों की पढ़ाई कराई और सिखाई जाती है, उसको सिविल इंजीनियरिंग कहा जाता है। यदि आप सिविल इंजीनियरिंग से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको सिविल इंजीनियरिंग से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी दी जाएगी। अतः आइये जानते हैं कि सिविल इंजीनियरिंग क्या है।
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सिविल इंजीनियरिंग क्या है
सिविल इंजीनियरिंग; इंजीनियरिंग की वह शाखा होती है जिसमें विभिन्न संरचनाओं जैसे कि इमारतों, पुलों, सड़कों आदि के डिज़ाइन, योजना, निर्माण और रखरखाव से सम्बंधित विभिन्न विषयों की पढाई कराई और सिखाई जाती है।
सिविल इंजीनियरिंग; इंजीनियरिंग की सबसे पुरानी शाखा या सबसे पुरानी शाखाओं में से एक मानी जाती है और भारत जैसे विकासशील देश में विभिन्न संरचनाओं के निरंतर होने वाले निर्माण कार्यों के कारण सिविल इंजीनियरों की मांग सदैव बनी रहती है।
सिविल इंजीनियरिंग के विभिन्न कोर्स
भारत में छात्र सिविल इंजीनियरिंग के निम्नलिखित कोर्स कर सकते हैं:-
- 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स;
- 4 वर्षीय B.Tech कोर्स;
- 2 वर्षीय M.Tech कोर्स;
- Ph.D
सिविल इंजीनियरिंग कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया
भारत में सिविल इंजीनियरिंग के विभिन्न कोर्सों में निम्नलिखित प्रवेश परीक्षाओं/ प्रक्रिया के माध्यम से एडमिशन होता है:-
क्रम संख्या | कोर्स | योग्यता | प्रवेश प्रक्रिया |
1 | डिप्लोमा कोर्स | विज्ञान और गणित विषयों सहित दसवीं कक्षा | सम्बंधित राज्य की पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा |
2 | B.Tech | फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स विषयों सहित बारहवीं कक्षा | JEE (Main) / JEE (एडवांस्ड) |
3 | M.Tech | B.Tech | GATE परीक्षा |
4 | Ph.D | M.Tech | GATE और/ या इंटरव्यू |
सिविल इंजीनियरिंग के विषय
भारत में B.Tech (सिविल इंजीनियरिंग) कोर्स में मुख्यतः निम्नलिखित विषय या इनसे मिलते-जुलते विषय पढ़ाये जाते हैं:-
- इंजीनियरिंग फिजिक्स;
- इंजीनियरिंग केमिस्ट्री;
- इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स;
- इंजीनियरिंग ड्राइंग;
- हाइड्रोलिक्स;
- स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग;
- स्ट्रक्चर डिज़ाइन;
- कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग;
- सॉयल मैकेनिक्स;
- सर्वेइंग; आदि।
Civil Engineering के Top College
भारत में बी.टेक (सिविल इंजीनियरिंग) कोर्स के लिए कुछ श्रेष्ठ संस्थान निम्नलिखित हैं:-
- विभिन्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (I.I.T.);
- विभिन्न राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (N.I.T.);
- मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी;
- वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (VIT);
- दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU); आदि।
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निष्कर्ष
यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको सिविल इंजीनियरिंग से सम्बंधित विभिन्न जानकारी प्राप्त हुई है; जैसे कि सिविल इंजीनियरिंग क्या है, सिविल इंजीनियरिंग के विभिन्न कोर्स, प्रवेश प्रक्रिया, टॉप कॉलेज आदि। यदि आप भी सिविल इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं तो आप इस जानकारी का लाभ उठा कर सिविल इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं और सिविल इंजीनियर बनने का अपना सपना पूरा कर सकते हैं।
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अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: सिविल इंजीनियरिंग में क्या काम करना पड़ता है?
उत्तर 1: सिविल इंजीनियरिंग कोर्स में विभिन्न संरचनाओं जैसे कि इमारतों, पुलों, सड़कों आदि के डिज़ाइन, योजना, निर्माण और रखरखाव से सम्बंधित विभिन्न विषयों की पढ़ाई करनी होती है और एक सिविल इंजीनियर को विभिन्न भवनों, इमारतों, सड़कों, पुलों आदि के डिज़ाइन से लेकर निर्माण और उनके रखरखाव आदि से सम्बंधित पर्यवेक्षण कार्य करना होता है।
प्रश्न 2: सिविल इंजीनियरिंग कितने साल का कोर्स है?
उत्तर 2: भारत में सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स की अवधि 3 वर्ष और बी.टेक (सिविल इंजीनियरिंग) डिग्री कोर्स की अवधि 4 वर्ष होती है।
प्रश्न 3: सिविल इंजीनियर की पढ़ाई क्या होती है?
उत्तर 3: जैसा कि हमने ऊपर बताया कि सिविल इंजीनियरिंग कोर्स में विभिन्न संरचनाओं जैसे कि भवनों, इमारतों, पुलों, सड़कों आदि के डिज़ाइन, योजना, निर्माण और रखरखाव से सम्बंधित विभिन्न विषयों की पढ़ाई कराई जाती है।