एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग को कृषि और तकनीक का मिश्रण कहा जा सकता है। भारत एक कृषि प्रधान देश है और आज के युग में बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए उसी भूमि में अधिक कृषि उपज बढ़ाने के लिए विभिन्न तकनीकों को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे प्रयासों को तकनीकी रूप से सफल बनाने के लिए इंजीनियरिंग की जिस शाखा में तकनीकी पढ़ाई कराई और सिखाई जाती है उसको एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कहते हैं। यदि आप एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको वह पूरी जानकारी यहाँ पर मिलेगी। अतः आइये जानते हैं कि एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग क्या है।
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एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग क्या है
इंजीनियरिंग की वह शाखा जिसमें कृषि या खेती के विभिन्न प्रकार और किसी कृषि भूमि में कृषि उत्पादों की उपज को बढ़ाने की विभिन्न तकनीकों को पढ़ाया और सिखाया जाए उसको एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग या एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग कहते हैं। एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में एग्रीकल्चर मशीनरी के डिज़ाइन, निर्माण, प्रयोग और टेस्टिंग आदि से सम्बंधित पढ़ाई भी कराई जाती है। भारत में Agricultural Engineering या Agriculture Engineering के डिप्लोमा, स्नातक डिग्री और स्नातकोत्तर डिग्री स्तर पर विभिन्न कॉलेजों में कोर्स कराये जाते हैं।
Agriculture Engineering के कोर्स
भारत में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के निम्नलिखित कोर्स किये जा सकते हैं:-
- 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स;
- 4 वर्षीय B.Tech कोर्स;
- 2 वर्षीय M.Tech कोर्स;
- Ph.D
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में एडमिशन की योग्यता
भारत में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के विभिन्न कोर्सों में एडमिशन की योग्यता निम्नलिखित है:-
क्रम संख्या | कोर्स का नाम | एडमिशन के लिए आवेदन करने की योग्यता |
1 | डिप्लोमा कोर्स | न्यूनतम निर्धारित अंक प्रतिशत सहित विज्ञान और गणित विषयों सहित दसवीं कक्षा। |
2 | B.Tech | न्यूनतम निर्धारित अंक प्रतिशत सहित फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित विषयों सहित बारहवीं कक्षा। |
3 | M.Tech | B.Tech |
4 | Ph.D | M.Tech |
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में एडमिशन की प्रक्रिया
भारत में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के विभिन्न कोर्सों में एडमिशन के लिए निम्नलिखित परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं:-
कोर्स का नाम | प्रवेश परीक्षा का नाम |
इंजीनियरिंग डिप्लोमा | सम्बंधित राज्य की पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा |
B.Tech | JEE (Main)/ JEE (Advanced) |
M.Tech | GATE |
Agricultural Engineering के लिए टॉप कॉलेज
भारत में बी.टेक (एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग) के कुछ श्रेष्ठ कॉलेज निम्नलिखित हैं:-
- IIT, खड़गपुर;
- GB पंत यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर;
- चौधरी चरण सिंह हिसार एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (CCSHAU), हिसार;
- सवीता इंजीनियरिंग कॉलेज, चेन्नई;
- इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ; आदि।
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के सब्जेक्ट
भारत में एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग के विभिन्न कोर्सों में निम्नलिखित सब्जेक्ट या इनसे मिलते-जुलते कुछ सब्जेक्ट पढ़ाये जाते हैं:-
- इंजीनियरिंग फिजिक्स
- इंजीनियरिंग केमिस्ट्री
- इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स
- इंजीनियरिंग ग्राफ़िक्स
- एन्वायरमेंटल साइंस
- मैकेनिक्स ऑफ़ सॉलिड्स
- थर्मोडायनामिक्स
- लैंड सर्वेइंग एंड लेवलिंग
- फ़ूड प्रोसेसिंग
- फ़ूड क्वालिटी
- सॉइल मैकेनिक्स
- फ्लूइड मैकेनिक्स
- एग्रीकल्चर मशीनरी
- डेरी इंजीनियरिंग
- फार्मिंग टेक्नोलॉजी
- वॉटर रिसोर्सिंग
- स्ट्रेंथ ऑफ़ मैटेरियल्स; आदि।
एग्रीकल्चर इंजीनियर कैसे बनें

भारत के एग्रीकल्चर इंजीनियर के पद पर कार्य करने के लिए या नौकरी प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थी दसवीं कक्षा के बाद इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स या बारहवीं कक्षा के बाद बी.टेक डिग्री कोर्स कर सकते हैं।
सरकारी विभागों में इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारकों को जूनियर इंजीनियर के पद पर और इंजीनियरिंग डिग्री धारकों को सहायक इंजीनियर के पद पर नियुक्ति प्राप्त हो सकती है, परन्तु इसके लिए अभ्यर्थियों को सम्बंधित विभाग की नियुक्ति प्रक्रिया उत्तीर्ण करनी होती है। जहाँ तक प्राइवेट कंपनियों का सवाल है तो भारत में विभिन्न कृषि व्यवसाय से संबंधित प्राइवेट कंपनियां भी एग्रीकल्चर इंजीनियरों को नियुक्त करती हैं।
एग्रीकल्चर इंजीनियर का काम
एग्रीकल्चर इंजीनियर अपनी नौकरी में मुख्यतः निम्नलिखित कार्य करते हैं:-
- कृषि मशीनों का डिज़ाइन, निर्माण आदि कार्य;
- कृषि उत्पादों की वृद्धि तकनीकों से सम्बंधित कार्य;
- कृषि से सम्बंधित मशीन प्रभावकारिता, पर्यावरणीय मुद्दे, भंडारण, प्रसंस्करण से संबंधित मुद्दे; आदि।
एग्रीकल्चर इंजीनियर के लिए जॉब विकल्प
भारत में एग्रीकल्चर इंजीनियरों के समक्ष निम्नलिखित जॉब विकल्प मौजूद होते हैं:-
- सरकारी विभागों (कृषि, सिंचाई, कृषि विश्वद्यालय, जल प्रबंधन आदि) में सहायक इंजीनियर/ जूनियर इंजीनियर;
- प्राइवेट कंपनियों (मिल्क डेरी, कृषि मशीन उत्पादक, खाद्य निर्माता आदि) में इंजीनियर;
- कृषि परामर्श फर्मों में नौकरी;
- कृषि वित्त निगमों में नौकरी;
- केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संचालित विभिन्न सिंचाई और कृषि परियोजनाओं में नौकरी; आदि।
एग्रीकल्चर इंजीनियर की सैलरी
भारत में प्राइवेट विभागों में एक एग्रीकल्चरल इंजीनियर की शुरुआती सैलरी बीस हजार रूपये प्रति माह से लेकर पचास हजार रूपये प्रति माह तक हो सकती है, जो समय और अनुभव के साथ नियमानुसार बढ़ती रहती है।
जहाँ तक सरकारी विभागों का सवाल है तो एक एग्रीकल्चर इंजीनियर को सम्बंधित नियोक्ता सरकार/ विभाग के वेतनमान के अनुसार सैलरी मिलती है।
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निष्कर्ष
यहाँ पर आपको Agriculture Engineering से सम्बंधित और Agriculture Engineer बनने से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है, जैसे कि एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग क्या है, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में एडमिशन की योग्यता/ प्रक्रिया, भारत में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के लिए टॉप कॉलेज, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के विषय, एग्रीकल्चर इंजीनियर कैसे बनें, एग्रीकल्चर इंजीनियर के लिए जॉब विकल्प/ सैलरी आदि।
यदि आप भी एक एग्रीकल्चर इंजीनियर बनना चाहते हैं तो आप इस जानकारी का लाभ उठा कर भारत में एग्रीकल्चर इंजीनियर बनने का अपना सपना पूरा कर सकते हैं।